चुनाव से पहले अखिलेश यादव की बढ़ी मुश्किलें… क्या AAP नेताओं की तरह सपा नेताओं का हाल ?

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SP candidate list
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नई दिल्ली/डेस्क: CBI ने उन अधिकारियों से भी पूछताछ की थी, जिन्होंने बताया था कि अखिलेश यादव माइनिंग पोर्टफोलियो होल्ड कर रहे थे और उन्होंने 14 लाइसेंस इश्यू किए थे. इनमें से 13 लाइसेंस एक ही दिन 17 फरवरी 2013 को जारी किए गए थे. ये सब मैन्युअली बिना ई टेंडरिंग प्रोसेस के किए गए थे.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को CBI ने पूछताछ के लिए बुलाया है. गुरुवार को दिल्ली स्थित CBI मुख्यालय अवैध खनन मामले में गवाही के लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया. हालांकि, अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अखिलेश गुरुवार को दिल्ली में CBI के सामने पेश नहीं होंगे. 2019 में हमीरपुर में हुए 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन का केस दर्ज किया गया था. इस केस में कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं. सीएम अखिलेश यादव से उस समय की स्थिति की जानकारी ली जानी है.

अधिकारियों ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-160 के तहत जारी नोटिस में CBI ने अखिलेश को 2019 में दर्ज मामले के संबंध में पेश होने के लिए कहा है. इस धारा के तहत जांच में गवाहों को बुलाने की अनुमति होती है. मामला ई-निविदा प्रक्रिया का कथित उल्लंघन कर खनन पट्टे जागी करने से संबंधित है.

CBI की इस नोटिस को लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. अखिलेश यादव अक्सर कहते रहे हैं कि उन्हें कांग्रेस की सरकार ने पहले ही CBI क्लब में डाल दिया है और अब भाजपा भी वही काम कर रही है.

लेखक: इमरान अंसारी