बजट सत्र से पहले कल होगी सर्वदलीय बैठक, कैसा रहा है इसका इतिहास पढ़ें पूरी खबर !

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Parliament Monsoon Session: मोदी सरकार ने संसद के बजट सत्र से पहले कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक के दौरान सरकार संसद के दोनों सदनों के सुचारू संचालन के लिए सभी विपक्षी दलों से सहयोग का अनुरोध करेगी। बजट सत्र सोमवार से शुरू होकर अगले महीने की 12 तारीख तक चलेगा।

संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बजट सत्र में सरकार छह नए विधेयक पेश कर सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी। नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा। पिछले महीने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा था कि कि इस बार का बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के दृष्टिकोण का प्रभावी दस्तावेज होगा

क्या रहा है बजट से पहले सर्वदलीय बैठक का इतिहास

बजट से पहले सर्वदलीय बैठक का इतिहास भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की उपस्थिति होती है। यह बैठक बजट की तैयारी और प्रस्तावों पर चर्चा के लिए आयोजित की जाती है, जिसका मुख्य उद्देश्य होता है कि सरकार और विपक्ष मिलकर विभिन्न मुद्दों पर सहमति प्राप्त करें और एक समझौते पर पहुंचें।

किन किन मुद्दों पर होती है चर्चा

इस बैठक के माध्यम से सरकार बजट के प्रस्तावों को विश्लेषण करती है और विपक्षी दलों से उनकी राय और सुझाव सुनती है। बैठक में सभी पक्षों के नेताओं को अपने-अपने दृष्टिकोण और मतभेदों को बयान करने का मौका मिलता है, जिससे वे बजट प्रस्तावों के संबंध में अपने स्टैंड को साफ़ कर सकते हैं।

इस साल की बजट से पहले सर्वदलीय बैठक में भी गहराई से चर्चा हुई और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। विपक्ष ने अपने समस्याओं और सुझावों को रखा और सरकार ने भी विभिन्न विकास कार्यक्रमों की ध्यान में लेकर बजट के प्रस्तावों को सुधारा। इस प्रक्रिया में सहमति प्राप्त करने के बाद ही बजट पर संसद में वोटिंग की जाती है, जिससे बजट पारित होता है और देश की आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाने का मार्ग खुलता है।

लेखक – आयुष राज