पीएम मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका ने दे दिया ज्ञान, भारतीय विदेश मंत्रायल ने दी प्रतिक्रिया

Published
Indian Foreign Ministry
Indian Foreign Ministry

Indian Foreign Ministry: पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा को लेकर अमेरिकी अधिकारियों की टिप्पणी का जवाब देते हुए भारत ने कहा कि नई दिल्ली और मॉस्को के संबंध लंबे समय से हैं और बहुध्रुवीय दुनिया में सभी देश के पास विकल्प चुनने की आजादी है।

हाल में पीएम मोदी रूस की आधिकारिक यात्रा पर गए थे, जिसके बाद शीर्ष अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू ने इस पर निराशा व्यक्त की थी और कहा था कि, “वांशिगटन इसे लेकर बेहद चिंतित है और भारत के साथ बातचीत कर रहा है।” वहींं, अब डोनाल्ड लू के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है।

वास्तविकताओं के प्रति जागरूक रहना चाहिए- भारत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘हमें यह समझना चाहिए कि भारत का रूस के साथ दीर्घकालिक संबंध है, जो एक-दूसरे के हितों पर आधारित है। वर्तमान बहुध्रुवीय विश्व में सभी देशों को अपनी पसंद चुनने की स्वतंत्रता है और सभी को ऐसी वास्तविकताओं के बारे में पता होना चाहिए तथा उनकी सराहना करनी चाहिए।

अमेरिकी राजदूत ने भी आपत्ति जताई थी

डोनाल्ड लू से पहले भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी भी पीएम मोदी की यात्रा पर आपत्ति व्यक्त कर चुके है। इस संबंध में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि, “संघर्ष के समय में रणनीतिक स्वायत्तता जैसी कोई चीज नहीं होती। मैं बात जानता हूं कि भारत को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता काफी पसंद है और मैं इस बात का सम्मान भी करता हूं, लेकिन संघर्ष के समय रणनीतिक स्वायत्तता जैसी कुछ चीज नहीं होती है। संकट के क्षणों में हमें एक-दूसरे को जानने की आवश्यकता है। मुझे इस बाक की परवाह नहीं है कि हम इसे क्या शीर्षक देंगे, लेकिन हमें यह जानना जरूरी है कि हम भरोसेमंद दोस्त, भाई-बहन और जरूरत के समय सहयोगी हैं।”

भारत ने दिया था दो टूक जवाब

गार्सेटी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘‘भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को महत्व देता है और हमारे अपने अलग-अलग विचार हैं। दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी उन्हें एक-दूसरे के दृष्टिकोण का आदर करते हुए कुछ मुद्दों पर असहमत होने के लिए सहमत होने की पूरी जगह देती है।’’

रूस दौरे पर हुए कई अहम समझौते

इससे पहले पीएम मोदी ने रूस की यात्रा पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों देशों ने गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को खत्म करने के लिए और 2030 तक 100 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक के पारस्परिक व्यापार का लक्ष्य रखा। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने बयान जारी करते हुए द्विपक्षीय व्यापार के उदारीकरण पर बातचीत जारी रखने का फैसला किया, जिसमें ईएईयू-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना की संभावना भी शामिल है।