यूपीपीसीएस विरोध प्रदर्शन के बीच खुली RO/ARO भर्ती घोटाले की पोल, अधिकारी-मंत्री के बच्चों को मिली नौकरी

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की विधानसभा और विधान परिषद में सरकारी पदों पर हुए भर्ती मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा और विधान परिषद (RO/ARO) के लिए 186 ऊंचे सरकारी पदों पर हुए भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है.

38 अधिकारी रिश्तेदार

इन पदों पर भर्ती के लिए RO/ARO जैसे 38 अन्य पदों पर अधिकारी, नेताओं, मंत्री, सचिवों के बेटे-बेटियां और यहां तक की करवाने वाली बाहरी एजेंसी के मालिकों ने अपने रिश्तेदारों को चयन करवा दिया.

RO/ARO पदों पर किनकी भर्ती

मीडिया रिपोर्ट में हुए इस खुलासे में उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के PRO, कई सचिव, पूर्व मंत्री और अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के पूर्व स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर के नाम हैं। इसके अलावा TSR डेटा प्रोसेसिंग और राभव नाम की दो फर्मों के मालिकों के 5 रिश्तेदार हैं। इन्हीं दो फर्मों ने कोविड की पहली वेव के दौरान ये एग्जाम करवाया था।

S.noअधिकारी रिश्तेदारपद
1पूर्व विधानसभा स्पीकर हृदयनारायण दीक्षितPRO और उनके भाईस्पेशल एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (पब्लिकेशन) (नया पद)
2संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव जयप्रकाश सिंहबेटा और बेटीRO
3विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबेचचेरे भाइयों के तीन बेटे और ममेरे भाईRO/ARO
4विधान परिषद् के प्रमुख सचिव राजेश सिंहबेटाRO
5पूर्व मंत्री महेंद्र सिंहभतीजाARO
6उप लोकायुक्त और विधि विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव दिनेश कुमार सिंहबेटाRO
7अखिलेश यादव और सीएम योगी के पूर्व ओएसडी अजय कुमार सिंहबेटाARO
8विधान परिषद् के अतिरिक्त निजी सचिव धर्मेंद्र सिंहबेटा और भाईRO
9मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी जैनेंद्र सिंह यादव उर्फ नीटूभतीजाARO
10भव के मालिक राम प्रवेश यादवपत्नीARO
11टीएसआर डाटा प्रोसेसिंग के डायरेक्टर रामबीर सिंहभतीजे, भतीजी और बहनोईARO/RO
12सत्यपाल सिंहभाईARO

186 पोस्ट के लिए दो बार में हुए एग्जाम में धांधली

  • यूपी विधान परिषद् और यूपी विधानसभा सचिवालय की भर्ती प्रक्रिया में कई चरण थे: विज्ञापन, प्री एग्जाम, मेंस एग्जाम, टाइपिंग टेस्ट और रिजल्ट।
  • यूपी विधान परिषद् के लिए 99 पदों की भर्ती हुई, जिसमें एग्जाम 2020 के अंत में हुए और रिजल्ट मार्च 2021 में घोषित हुआ।
  • यूपी विधानसभा सचिवालय के लिए 87 पदों की भर्ती हुई, जिसमें एग्जाम और रिजल्ट 2021 के शुरूआत में हुए।
  • इन दोनों भर्ती प्रक्रियाओं के लिए करीब 2.5 लाख लोगों ने आवेदन किया था।

भर्ती घोटाला सीबीआई जांच के आदेश

प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित इस परीक्षा में फेल होने वाले तीन कैंडिडेट ने सरकार के खिलाफ 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुशील कुमार, अजय त्रिपाठी और अमरीश कुमार ने सरकार पर मार्क्स में हेराफेरी का आरोप लगाया था. हाई कोर्ट में एक और कैंडिडेट विपिन कुमार सिंह ने भी याचिका दायर की थी. विपिन ने अपने याचिका में कहा कि ना तो एग्जाम का रिजल्ट कभी सार्वजनिक नहीं किया गया और न ही रिजल्ट जारी करने की तारीख बताई गई. मामले पर सुनवाई करते हुए 18 सितंबर 2023 को हाई कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.