नई दिल्ली/डेस्क: बुधवार (20 दिसंबर) को, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि वह 150 साल के बाद भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को बदलने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर भी तंज कसते हुए कहा कि अब पहली बार भारतीय संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून बन रहे हैं, और उन्होंने विरोधकारियों को भारतीय मानसिकता से जुड़ने की सलाह दी।
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें नहीं समझते हैं, मैं उन्हें कहता हूं कि अगर मन भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा, लेकिन अगर मन ही इटली का है तो कभी नहीं समझ आएगा.”
गृहमंत्री ने यह भी बताया कि ये तीन विधेयक मानव केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं, और इसमें दंड के स्थान पर न्याय को महत्वपूर्ण बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
अमित शाह ने तीनों कानूनों के बारे में बताते हुए कहा कि ये न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित हैं और सरकार ने अपने किए गए वादे को पूरा किया है, जैसे कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना, तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाना और महिलाओं को संसद में 33 फीसदी आरक्षण प्रदान करना।
लेखक: करन शर्मा