लोकसभा में बोल रहे थे अरुण गोविल… तभी विपक्ष पर भड़क उठे लोकसभा अध्यक्ष… जानें क्या हुआ?

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Parliament Winter Session

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन शुरुआत में मेरठ से सांसद अरुण गोविल ने जैसे ही बोलना शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्षी सांसद वेल में आ गए और हंगामा करना शुरू कर दिया.

इस दौरान अरुण गोविल चुप रहे और अपनी सीट पर खड़े रहे. वहीं, दूसरी ओर विपक्षी सांसद अडानी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मांग कर नारेबाजी करते रहे. यह देखकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भड़क उठे.

विपक्षी सांसदों से कार्यवाही चलने देने की अपील

वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से कार्यवाही चलने देने और अरुण गोविल से बोलने देने की अपील की. हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों से ओम बिरला ने कहा कि माननीय सदस्य (अरुण गोविल) पहली बार सदन में अपनी बात रख रहे हैं. आप सदन चलने दें. आपको भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. प्रश्नकाल के बाद चेयर आपकी बात पर विचार करेगी. प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण समय है, ये आपका समय है.

लोकसभा में क्या बोल रहे थे अरुण गोविल?

मेरठ से बीजेपी के सांसद अरुण गोविल ने पहली बार अपनी बात संसद में रखी. इस दौरान उन्होंने OTT पर बढ़ती अश्लीलता को सरकार के दायरे में लाने की मांग की. तभी विपक्ष ने हंगामा तेज कर दिया और अरुण गोविल अपनी सीट पर चुपचाप खड़े रहे. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष से सदन चलने देने की अपील की.

हंगामे के बीच में ही अरुण गोविल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, OTT पर जो कुछ भी दिखाया जा रहा है वो काफी अश्लील है. इसे आप अपने परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते. यह संस्कारों पर काफी चोट पहुंचा रहा है. मैं सूचना प्रसारण मंत्रालय से पूछना चाहता हूं कि सोशल मीडिया के द्वारा अश्लील और सेक्स संबंधी सामग्री के अवैध रूप प्रसारण को रोकने का क्या तंत्र है. इसे सख्त नियमों के तहत लाना चाहिए.

क्या बोले सूचना एवं प्रसारण मंत्री?

सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री की जांच करने के लिए कानूनों पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह विषय वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है. आज जिस तरह से संपादकीय सामग्री हुआ करती थी, संपादकीय जांच होती थी, कोई चीज सही है या गलत है, उसके बारे में पूरा निर्णय लिया जाता था, वह समाप्त हो गया है.

मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत- अश्विनी वैष्णव

उन्होंने आगे कहा कि आज सोशल मीडिया एक तरफ प्रेस की आजादी का एक बहुत बड़ा माध्यम है, लेकिन साथ ही, दूसरी तरफ उस संपादकीय जांच के समाप्त होने से यह एक अनियंत्रित अभिव्यक्ति है जिसमें कई तरह की अश्लील सामग्री भी चलती है. मौजूदा कानून को निश्चित रूप से और मजबूत करने की जरूरत है और मैं अनुरोध करूंगा कि इस पर आम सहमति बनाई जानी चाहिए.

हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

अडानी मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे की वजह से गुरुवार (28 नवंबर) को लोकसभा की कार्यवाही 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. आज (27 नवंबर) सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन विपक्ष द्वारा लगातार की जा रही नारेबाजी के कारण इसे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

फिर दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन हंगामा होते रहा, जिसके कारण सदन को कल तक (28 नवंबर) के लिए स्थगित कर दिया गया. राज्य सभा की कार्यवाही भी पहले स्थगन के बाद शुरू होते ही कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

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