‘जय फिलिस्तीन’ बोलने से छिन सकती है असदुद्दीन ओवैसी की सांसदी? अयोग्य घोषित करने की राष्ट्रपति से की गई मांग

Published

नई दिल्ली/डेस्क: सांसदी की शपथ लेने के तुरंत बाद ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाना AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भारी पड़ता नजर आ रहा है। बीजेपी ने ओवैसी के बयान पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने अनुच्छेद 102 का हवाला देते हुए कहा, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को उनकी लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है।

SC के वरिष्ठ ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के संदर्भ में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भारत की राष्ट्रपति के समक्ष चिट्ठी लिख कर एक शिकायत दर्ज की है, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।

क्या कहता है अनुच्छेद 102?

संविधान के अनुच्छेद 102 के अनुसार, संसद के किसी भी सदन के सदस्य को अयोग्य ठहराने के विभिन्न आधार बताए गए हैं। यह अनुच्छेद स्पष्ट करता है कि यदि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है, स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता ले ली है, या किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या वफादारी की स्वीकृति दी है, तो वह संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित हो सकता है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ लेने के बाद ‘जय भीम… जय मीम… जय तेलंगाना… जय फिलिस्तीन… तकबीर, अल्लाह-ओ अकबर’ का नारा लगाया। जिसके बाद लोकसभा में हंगामा हो गया। वहीं कई सदस्यों ने ओवैसी द्वारा लगाए गए इस नारे पर नाराजगी जाहिर की।

लेखक-प्रियंका लाल