नई दिल्ली: 11 जून को ओडिशा राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो चुकी है। बीजेपी ने 52 साल के मोहन चरण माझी को विधायक दल का नेता चुना है। वह ओडिशा कें 15वें मुख्यमंत्री चुने गए हैं और उससे भी बड़ी बात ये है ओडिशा में बीजेपी पहली बार बहुमत हासिल कर सरकार का नेतृत्व करेगी।
बता दें कि, ओडिशा में 11 जून को ही बीजेपी ने राजनाथ सिंह और अश्विनी वैष्णव को अपना पर्वेक्षक बना कर भेजा था। बीजेपी के दोनों वरिष्ठ नेताओं की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक हुई और इस वैठक में आदिवासी समाज से आने वाले मोहन माझी को विधायक दल का नेता चुना गया। 12 जून को मोहन मांझी बतौर मुख्यमंत्री शपथ भी लेंगे।
अश्विनी वैष्णव ने आदिवासी सशक्तिकरण पर कांग्रेस को घेरा
मोदी कैबिनेट 3.0 में एक बार फिर से रेल मंत्री बनें अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म ट्वीट कर कांग्रेस को घेरते हुए आदिवासी सशक्तिकरण पर लिखा कि, ” कुछ सोचने लायक बात है। पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर, जो कि मुख्य रूप से आदिवासी बहुल हैं, कांग्रेस ने 21वीं सदी में कोई आदिवासी मुख्यमंत्री नहीं बनाया है। लेकिन बीजेपी ने बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, विष्णु देव साईं और मोहन माझी जैसे 4 आदिवासी मुख्यमंत्री दिए हैं। वहीं, असम में भी बीजेपी ने सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाया है, जबकि कांग्रेस ने किसीआदिवासी को कुछ नहीं बनाया।”
कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू और पीए संगमा की उम्मीदवारी पर विरोध किया- अश्विनी वैष्णव
उन्होंने आगे लिखा कि, “बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को भी नामित किया और पीए संगमा का समर्थन किया। लेकिन कांग्रेस ने दोनों का विरोध किया। आदिवासी सशक्तिकरण की किसे परवाह है और किसे नहीं, ये इसकी एक झलक है।”