Ayodhya Ram Mandir: सालों तक टेंट में रहे रामलला अब कहां रहेंगे, पुरानी मूर्ति कहा होगी स्थापित?

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नई दिल्ली/डेस्क: भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान वैदिक मंत्रों के साथ 22 जनवरी को होगा। आज, रामलला नवनिर्मित राम मंदिर में पहली बार प्रवेश करेंगे और कल, यानी 18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित होंगे। नई मूर्ति, जो 5 साल के बालस्वरूप को दर्शाएगी, बनाई गई है।

मौजूदा मूर्ति की जगह मैसूरु के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई नई मूर्ति को रखने का निर्णय लिया गया है। रामलला की मौजूदा मूर्ति भी नए मंदिर में ही रखी जाएगी। प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी, और इसके लिए वाराणसी के पुजारी गणेश्वर शास्त्री ने मुहूर्त निर्धारित किया है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और न्यायी उपस्थित रहेंगे।

यह बात जरूरी है कि रामलला की मौजूदा मूर्ति को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा। रामलला की वर्तमान मूर्ति 1950 से ही वहीं है और उसे भी नए मंदिर में स्थानित किया जाएगा। रामलला की जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होनी है वो पत्थर की है। मूर्ति का वजन अनुमानित 150 से 200 किलो के बीच होगा और यह पांच वर्ष के बालक की रूप में बनाई गई है, जो खड़ी प्रतिमा के रूप में स्थापित की जानी है।

इसके साथ ही, आयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होगा, जिसमें देशभर से लोग भाग लेंगे और कार्यक्रम को लाइव देख सकेंगे।

लेखक: करन शर्मा