Champai Soren’s X post: झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कल मीडिया से बात करते हुए बीजेपी में जाने की पुष्टि कर दी थी। खबर है कि वे 30 अगस्त को बीजेपी की सदस्याता लेंगे। लेकिन इससे पहले चंपई सोरेन ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि, “पिछले हफ्ते (18 अगस्त) एक पत्र द्वारा झारखंड समेत पूरे देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी। उसके बाद, मैं लगातार झारखंड की जनता से मिल कर, उनकी राय जानने का प्रयास करता रहा। कोल्हान क्षेत्र की जनता हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही, और उन्होंने ही सन्यास लेने का विकल्प नकार दिया।”
उन्होंने आगे लिखा कि, “पार्टी में कोई ऐसा फोरम या मंच नहीं था, जहां मैं अपनी पीड़ा को व्यक्त कर पाता। क्योंकि मुझसे सीनियर नेता स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से दूर हैं।”
हमारी जमीनों पर घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं- चंपई सोरेन
चंपई सोरेन ने अपनी पोस्ट में लिखा कि,”आज बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन भूमि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं। इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है।”
उन्होंने झारखंड के कुछ इलाकों में हो रही घुसपैठ और आदिवासियों के संकट पर जोर देते हुए अपनी पोस्ट में लिखा कि, “आदिवासियों एवं मूलवासियों को आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर तेजी से नुकसान पहुंचा रहे इन घुसपैठियों को अगर रोका नहीं गया, तो संथाल परगना में हमारे समाज का अस्तित्व संकट में आ जायेगा। पाकुड़, राजमहल समेत कई अन्य क्षेत्रों में उनकी संख्या आदिवासियों से ज्यादा हो गई है। राजनीति से इतर, हमें इस मुद्दे को एक सामाजिक आंदोलन बनाना होगा, तभी आदिवासियों का अस्तित्व बच पाएगा।”
बीजेपी से क्यों जुड़ना चाहते हैं झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन? इस पर भी उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि, “इस मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर दिखती है और बाकी पार्टियां वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रही हैं। इसलिए आदिवासी अस्मिता एवं अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में, मैंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला लिया है।”
चंपई सोरेन ने इन लोगों से मांगा सहयोग
चंपई सोरेन ने जेएमएम से नाता तोड़ने और बीजेपी में जाने को एक नया अध्याय बताया है। उन्होंने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि, “झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं एवं आम लोगों के मुद्दों एवं अधिकारों के संघर्ष वाले इस नए अध्याय में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।”