Manoj Sinha Interview: नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण से पहले, एलजी मनोज सिन्हा का विशेष इंटरव्यू सामने आया है. ‘The Indian Express’ को दिए इंटरव्यू में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि चुनावों से कई महत्वपूर्ण सीखें मिली हैं. उन्होंने कहा कि पहली और सबसे बड़ी सीख यह है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब अंतिम चरण में है. उम्मीदवार और उनके समर्थक देर रात तक प्रचार करते रहे और लोगों ने पूरे दिल से चुनावों में हिस्सा लेकर भारतीय संविधान का समर्थन किया.
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि तीन चरणों में हुए चुनावों के बाद भी कोई दोबारा मतदान नहीं हुआ और न ही किसी तरह की धांधली के आरोप लगे. सबसे खास बात यह रही कि चुनाव पूरी तरह से हिंसा-मुक्त रहा.
नई सरकार के लिए उपराज्यपाल का संदेश?
नई सरकार के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले मनोज सिन्हा ने कहा कि जनता ने जो जनादेश दिया है, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी अब निर्वाचित प्रतिनिधियों की है. उन्होंने कहा कि नई सरकार को जम्मू-कश्मीर में शांति, समृद्धि और विकास के लिए काम करना चाहिए और इसमें उनकी पूरी मदद रहेगी.
मुख्यमंत्री के अधिकार और सरकार की भूमिका?
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के सीमित अधिकारों को लेकर उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य विकास और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है. सिन्हा ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना होगी कि समाज के किसी भी वर्ग को विकास से वंचित न किया जाए और उम्मीद है कि नई सरकार भी इसी दिशा में काम करेगी.
वहीं, जब सिन्हा से पूछा गया कि चुनी हुई सरकार के बाद उनकी भूमिका कैसे बदलेगी, तो सिन्हा ने कहा कि संविधान और राज्य पुनर्गठन अधिनियम में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री की भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है. वह इसी के अनुसार काम करेंगे, और शांति, समृद्धि और विकास के लिए कार्यरत रहेंगे.
दिल्ली की तरह तो नहीं दिखेगा सीएम और एलजी में टकराव?
दिल्ली में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव के सवाल पर सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऐसा कोई टकराव नहीं होगा. वह चार साल से जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे हैं और अब भी आगे मिलकर काम करने की उम्मीद है.
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
राज्य के दर्जे के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि यह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा पहले ही आश्वासन दिया गया है कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले परिसीमन, फिर चुनाव और अंत में राज्य का दर्जा, यही क्रम तय किया गया है.
पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों पर क्या बोले सिन्हा?
पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों के बारे में सिन्हा ने कहा कि यह चुनाव जल्द ही होंगे. कुछ प्रक्रियात्मक कारणों से देरी हुई है, जैसे ओबीसी आरक्षण से संबंधित विधेयक और चुनावी बलों की उपलब्धता. लेकिन प्राथमिकता के आधार पर इन चुनावों को जल्द ही आयोजित किया जाएगा.