कर्नाटक में मंदिरों पर 10% टैक्स लगाने पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा कहा- “हिंदू श्रद्धालुओं का पैसा लूट रही है कांग्रेस सरकार”

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कर्नाटक: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने कर्नाटक विधानसभा द्वारा पारित हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार की आलोचना की है। उन्होंने इसे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी की एक नई ‘निचले स्तर’ तक गिरने की तरफ कदम बढ़ाने का उदाहरण कहा है।

चंद्रशेखर ने कहा, “हर बार जब आप सोचते हैं कि राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस और निचले स्तर तक नहीं गिर सकती, तो उनके और भी न्यूनतम स्तर तक गिरने का एक नया उदाहरण सामने आ जाता है।”

उन्होंने इस विधेयक को लेकर कहा, “यह धनराशि जो आस्था के प्रतीक के रूप में हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर के रखरखाव के लिए दी जा रही है, एक तरह से कर्नाटक सरकार द्वारा कांग्रेस की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लूटी जा रही है।”

उन्होंने इसे भ्रष्ट राजनीति का उदाहरण देने के रूप में बताया और कहा, “यह वह सरकार है जिसने कुछ ही महीनों में करोड़ों रुपये की बंदरबांट करके इसे अपने ठेकेदारों को दे दिया। और अब वे अपनी भ्रष्ट राजनीति को वित्त पोषित की कोशिश कर रहे हैं और कर्नाटक में हिंदू श्रद्धालुओं को अब कर्नाटक कांग्रेस की एटीएम मशीन को पैसा देना होगा… हिंदू श्रद्धालुओं का पैसा कर्नाटक सरकार द्वारा लूटा जा रहा है।”

कर्नाटक सरकार ने बुधवार को विधानसभा में हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि सरकार उन मंदिरों की आय का 10 प्रतिशत राजस्व एकत्र करेगी जिनकी आय एक करोड़ रुपये से अधिक है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 के अनुसार, अगर किसी हिंदू मंदिर का राजस्व 1 करोड़ है, तो सरकार उससे 10 फीसद टैक्स वसूलेगी। वहीं, जिनका राजस्व 1 करोड़ से कम और 10 लाख रुपए से ज्यादा है, तो सरकार उनसे 5% टैक्स वसूलेगी। इस नए बिल के मुताबिक, अन्य धर्मों के व्यक्तियों को मंदिर प्रबंधन का सदस्य बनने की भी अनुमति दी गई है। यानी मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोग भी कर्नाटक के मंदिरों का प्रबंधन संभाल सकते हैं।