Budget 2024: 23 जुलाई को मोदी सरकार अपने तीसरी कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रहीं हैं। इसी के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 7वां आम बजट पेश करेंगी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार इस बजट (Budget 2024) में कई बड़े ऐलान कर सकती है। इस सत्र में सरकार की ओर से 6 विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है। इनमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है। इस सत्र में जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी मिलेगा। इस केंद्रशासित प्रदेश में फिलहाल विधानसभा अस्तित्व में नहीं है और केंद्र का शासन है। आपदा प्रबंधन विधेयक को भी पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए लिस्ट किया है।
23 जुलाई को पेश होगा आम बजट
संसद में सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी। वित्त मंत्री सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट पेश करने वाली है। उससे पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने, संसद में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठकर, विपक्ष के तेवर भांपने की कोशिश की, जिससे उन मुद्दों को समझा जा सके जिन्हें विपक्ष सत्र के दौरान उठाना चाहता हैं। इस सबके बीच ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल ने घोषणा की है कि वह एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगा और संसद में राज्य के हित के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाएगा। नवीन पटनायक ने अपनी पार्टी के सांसदों से ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाने को कहा है।
पेश हो सकते हैं ये बिल
- भारतीय वायुयान विधेयक- 2024
- स्वतंत्रता पूर्व के कानून की जगह लेने वाला बॉयलर विधेयक
- कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक
- रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक
भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 नागरिक उड्डयन क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी के लिए सक्षम प्रावधान प्रदान करने की खातिर 1934 के विमान अधिनियम को बदलने का प्रयास करता है। सत्र के दौरान पेश और पारित किए जाने वाले और विधेयकों में स्वतंत्रता पूर्व के कानून की जगह लेने वाला बॉयलर विधेयक, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक शामिल हैं।
संसद में आम बजट पेश होने से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक पार्टियों के कई नेता शामिल हुए-
सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ ?
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा
- केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान
- संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू
- AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी
- RJD के सांसद अभय कुशवाहा
- JDUके सांसद संजय झा
- आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह
- समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल
- गौरव गोगोई
- के. सुरेश
- जयराम रमेश
- प्रमोद तिवारी
सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री तथा लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू भी बैठक में मौजूद थे। इस पारंपरिक बैठक में कांग्रेसकी ओर से गौरव गोगोई, के. सुरेश,जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, औरऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अभय कुशवाहा, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी (सपा) नेता रामगोपाल यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।
वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर डिप्टी स्पीकर के पोस्ट की मांग रखी है…इसके साथ ही सर्वदलीय बैठक में NEET पेपर लीक का मुद्दा भी उठाया। वहीं, समाजवादी पार्टी की ओर से बैठक में शामिल हुए रामगोपाल यादव ने कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नेम प्लेट लगाकर पहचान दिखाने का मुद्दा उठाया। जबकि YSR कांग्रेस ने पार्टी नेताओं को टार्गेट करने का मुद्दा रखा।
सर्वदलीय बैठक में मांग
- JDU नेता संजय झा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की
- YSRCP ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की
- BJD ने ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखी
- SP के सांसद राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा में नेमप्लेट बदलने का मुद्दा उठाया
- AAP सांसद संजय सिंह ने ED और CBI के दुरुपयोग का आरोप लगाया
- कांग्रेस ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर की मांग रखी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने ठुकराई JDU की मांग
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने आज बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को ठुकरा दिया है। पंकज चौधरी ने लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जिन प्रावधानों करना जरूरी है वह बिहार में नहीं है।
सर्वदलीय बैठक का अहम मुद्दा मानसून सत्र में सहमति बनाना था। लेकिन बैठक के दौरान कई पार्टियों ने सरकार के सामने ऐसे मुद्दे उठाए हैं जो मानसून सत्र से ज्यादा पार्टियों की मांगें सुर्खियां बन गई हैं। बता दें कि 18वीं लोकसभा के गठन के बाद केंद्र सरकार का यह पहला बजट सत्र है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दल संसद में सत्ता हासिल करने में कामयाब रहे। इस हिसाब से इस सत्र में जो बजट पेश किया जाएगा वह उनके तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा।
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लेखक: रंजना कुमारी