Cancer risk: गरीबों की अपेक्षा अमीरों को कैंसर का ज्यादा खतरा… जानें क्यों ?

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Cancer risk: न्यू यार्क पोस्ट में छपे एक आर्टिकल के अनुसार, अमीर लोगों को कैंसर का खतरा गरीबों की अपेक्षा ज्यादा होता है। फिनलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी में किए गए एक नए अध्ययन ने सामाजिक-आर्थिक स्थिति (SES) और विभिन्न बीमारियों के बीच संबंध की जांच की है।

इस अध्ययन में पाया गया कि जो लोग उच्च सामाजिक-आर्थिक स्थिति में हैं, उन्हें स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर का उच्च आनुवंशिक खतरा होता है। वहीं, कम समृद्ध लोग आनुवंशिक रूप से डायबिटीज, गठिया, अवसाद, शराब की लत और फेफड़ों के कैंसर के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं।

अध्ययन की प्रमुख डॉ. फियोना हेगनबीक ने बताया कि इन प्रारंभिक परिणामों के आधार पर, पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर (जो आनुवंशिकी के आधार पर बीमारी के जोखिम को मापने के लिए इस्तेमाल होते हैं) को कुछ बीमारियों के लिए स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल में शामिल किया जा सकता है।

किन लोगों को होता है कैंसर का ज्यादा खतरा?

डॉ. हेगनबीक ने कहा, “यह समझना कि पॉलीजेनिक स्कोर का बीमारी के जोखिम पर प्रभाव संदर्भ-निर्भर है, आगे की स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। उदाहरण के लिए, भविष्य में स्तन कैंसर के लिए स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल को इस तरह से अनुकूलित किया जा सकता है कि जिन महिलाओं का उच्च आनुवंशिक जोखिम और उच्च शिक्षा स्तर है, उन्हें पहले या अधिक बार स्क्रीनिंग कराई जाए।”

2 लाख 80 हजार लोगों पर किया गया अध्ययन

इस अध्ययन के लिए, डॉ. हेगनबीक की टीम ने लगभग 2,80,000 फिनिश नागरिकों, जिनकी उम्र 35 से 80 वर्ष के बीच थी, के जीनोमिक्स, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य डेटा का उपयोग किया।

इस अध्ययन ने यह भी बताया कि आनुवंशिकी की जानकारी को स्वास्थ्य देखभाल में शामिल करने का समग्र उद्देश्य व्यक्तिगत चिकित्सा को सुविधाजनक बनाना है। इसलिये, हमें आनुवंशिक जानकारी को ‘वन साइज फिट्स ऑल’ के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि उन परिस्थितियों की भी जांच में शामिल करनी चाहिए जो आनुवंशिक जोखिम को संशोधित करती हैं।

इस अध्ययन के परिणाम बर्लिन, जर्मनी में रविवार को यूरोपियन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन जेनेटिक्स के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाएंगे। सम्मेलन के अध्यक्ष, प्रोफेसर अलेक्ज़ांड्रे रेयमंड ने इन निष्कर्षों का स्वागत किया।