UGC-NET: शिक्षा मंत्रालय के परीक्षा रद्द करने के बाद; यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में CBI ने दर्ज किया केस

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UGC-NET: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में एक मामला दर्ज कर लिया है। इस पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद 18 जून को आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा अगले ही दिन, यानी 19 जून को रद्द कर दी गई थी। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस घटना के पीछे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की संस्थागत विफलता है।

सीबीआई की जांच शुरू

सीबीआई अब इस पेपर लीक के मामले की जांच करेगी, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई हैं। शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि प्रश्नपत्र के कुछ हिस्से डार्क नेट पर उपलब्ध थे, जिन्हें वास्तविक प्रश्न पत्र से मिलान करने पर पेपर लीक की पुष्टि हुई। इसके चलते परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया।

एनटीए में आमूलचूल बदलाव

पेपर लीक के कारणों की जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एनटीए को नए सिरे से सुधारने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है। यह समिति एनटीए के ढांचे, कार्यप्रणाली, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को बेहतर बनाने के सुझाव देगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनटीए की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए टेक्नोक्रेट, वैज्ञानिक, शैक्षिक प्रशासक, शिक्षाविद् और मनोवैज्ञानिक जैसे विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे।

नीट और अन्य परीक्षाओं पर विचार

नीट परीक्षा के संदर्भ में, शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाखों छात्रों की मेहनत को देखते हुए उनके हितों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने पटना पुलिस की जांच की सराहना की और कहा कि पुलिस अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। इसके अलावा, मंत्री ने सभी छात्रों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और इस मामले से संबंधित सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किए गए हैं।

राजनीतिक बयानबाजी से बचने का अनुरोध

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने का अनुरोध किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। प्रधान ने इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की कि तेजस्वी यादव के पीए का इस मामले से कोई संबंध है या नहीं।

एनटीए में सुधार के उपाय

एनटीए के सुधार के लिए जो उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है, वह विभिन्न विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर एनटीए की प्रक्रियाओं में सुधार करेगी। इस कदम से परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा में सुधार की उम्मीद है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।