कर्नाटक में मामलों की जांच नहीं कर पाएगी CBI… सरकार ने एजेंसी को बताया बायस्ड

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नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राज्य में मामलों की जांच करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो एजेंसी (CBI) को दी सहमति वापस ले ली। कर्नाटक के कानून मंत्री HK पाटिल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को “पक्षपाती” बताते हुए कहा कि सरकार ने सीबीआई को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए यह फैसला लिया है।

प्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

कानून मंत्री HK पाटील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हम राज्य में CBI जांच के लिए दी गई खुली सहमति वापस ले रहे हैं। हम एजेंसी द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग के बारे में अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। सरकार ने एजेंसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमने जितने भी मामले सीबीआई को भेजे हैं, उनमें उन्होंने चार्जशीट दाखिल नहीं की है। जिससे कई मामले लंबित हैं। एजेंसी ने हमारे द्वारा भेजे गए कई मामलों की जांच करने से भी इनकार कर दिया है। ऐसे कई उदाहरण हैं जिससे यह साबित होता है कि वे पक्षपाती हैं। इसलिए हम यह फैसला ले रहे हैं।

MUDA मामले में कांग्रेस नेता ने दी सफाई

हालांकि सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री के खिलाफ MUDA मामले में आए फैसले पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि एजेंसी को लेकर सरकार का यह फैसला यह MUDA मामले की वजह से नहीं है। हमने सीबीआई को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए यह फैसला लिया है। ज्ञात हो कि बेंगलुरु की विशेष अदालत ने कर्नाटक लोकायुक्त को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती को 56 करोड़ रुपये की 14 साइटों के आवंटन में अवैधता के आरोप पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद सरकार का यह फैसला आया है।

MUDA मामले में सीएम के साथ कांग्रेस विधायक दल और हाईकमान : HK पाटील

मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में HK पाटील ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के समर्थन में खड़ी है। इसके अलावा पूरा मंत्रिमंडल सीएम के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता है। मंत्री ने बताया कि पूरा विधायक दल और हाईकमान सीएम के साथ है।

-गौतम कुमार