AFSPA: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने फिर से कुछ क्षेत्रों में सशस्त्र बल अधिनियम (AFSPA) लागू किया है. मिली जानकारी के अनुसार, 14 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के पांच जिलों के छह पुलिस थानों की सीमाओं को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया हैं, जिसके बाद से वहां पर AFSPA को लागू कर दिया गया है. बता दें कि ये नया आदेश 31 मार्च, 2025 तक लागू रहने वाला है.
AFSPA क्या है?
AFSPA (आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट) एक ऐसा कानून है जो केंद्र और राज्य सरकारों को यह शक्ति देता है कि वे किसी क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर सकें. इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार दिए जाते हैं ताकि वे आतंकवाद और विद्रोह जैसी गतिविधियों से निपट सकें. जैसे…
- बिना वारंट तलाशी और गिरफ्तारी: सुरक्षाबल किसी भी घर में बिना वारंट के छापा मार सकते हैं और किसी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं.
- विद्रोह रोकने के लिए गिरफ्तारी: अगर किसी व्यक्ति पर विद्रोह या हिंसा में शामिल होने का शक हो, तो उसे बिना वारंट तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है.
- कार्रवाई के दौरान गोली चलाने का अधिकार: अगर सुरक्षा बलों को लगे कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को तोड़ रहा है या संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा है, तो वे उसे रोकने के लिए गोली चला सकते हैं.
AFSPA का इतिहास
बता दें कि यह कानून पहली बार असम में नगा विद्रोह को काबू करने के लिए लागू किया गया था और बाद में यह अन्य अशांत क्षेत्रों, जैसे जम्मू-कश्मीर और मणिपुर, में भी लागू किया गया.
AFSPA फिर से क्यों लागू हुआ?
हाल के दिनों में मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा हिंसक गतिविधियों में वृद्धि हुई है. 11 नवंबर 2024 को उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले में पुलिस थाना और सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था, जिसमें सुरक्षाबलों ने 11 उग्रवादियों को मार गिराया. अगले दिन कुछ आतंकियों ने 6 नागरिकों का अपहरण कर लिया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. वहीं, 7 नवंबर से शुरू हुई हिंसा में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है. इन घटनाओं के बाद क्षेत्र की स्थिति बिगड़ने के कारण AFSPA लागू करना पड़ा.
किन क्षेत्रों में लागू होगा AFSPA?
- इम्फाल पश्चिम: सेक्माई और लामसांग पुलिस थानों की सीमा
- इम्फाल पूर्व: लामलाई थाना सीमा
- जिरीबाम: जिरीबाम थाना सीमा
- बिष्णुपुर: मोइरांग थाना सीमा
- कांगपोकपी: लीमाखोंग क्षेत्र
बता दें कि इस कानून के तहत सुरक्षाबलों को व्यापक शक्ति मिलती है, ताकि वे असामाजिक तत्वों पर प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकें और क्षेत्र में शांति बनाए रख सकें.