नई दिल्ली: भगवान राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अब कुछ ही घंटे बचे हैं। जिसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। प्रसाशन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त कर दिया गया है। सुरक्षा के मध्यनजर केंद्र सरकार की ओर से एक एडवाइजरी जारी की है। अपनी इस एडवाइजरी में भारत सरकार ने मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एक सख्त सलाह जारी की है, जिसमें उनसे सावधानी बरतने और आगामी राम मंदिर कार्यक्रम से संबंधित झूठी या हेरफेर की गई सामग्री को प्रसारित करने से बचने का आग्रह किया गया है।
रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर भ्रम ने फैलाएं- सूचना मंत्रालय
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विशेष रूप से सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले कुछ असत्यापित, उत्तेजक और फर्जी संदेशों की संभावना पर प्रकाश डाला, जो सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इन मानदंडों के अनुसार, समाचार पत्र यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं कि किसी भी सामग्री का स्वर, भावना और भाषा आपत्तिजनक, उत्तेजक, देश की एकता और अखंडता के खिलाफ, देशद्रोही या सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन न किया गया हो।
क्या कहता है सूचना मंत्रालय?
मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि समाचार और समसामयिक मामलों के क्षेत्र में समाचार पत्रों, निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों और डिजिटल मीडिया प्रकाशकों को संयम और सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें ऐसी किसी भी सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने से बचना चाहिए, जो झूठी, हेरफेर की गई हो या देश में सांप्रदायिक सद्भाव या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की क्षमता रखती हो।
बता दें कि यह सलाह सोमवार को अयोध्या में होने वाले राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले आई है। सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण का लक्ष्य जिम्मेदार पत्रकारिता सुनिश्चित करना और गलत सूचना के प्रसार को रोकना है जो सामाजिक सद्भाव और सार्वजनिक सुरक्षा पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।