नई दिल्ली: ISRO ने अपने ट्वविटर हैंडल से ट्वीट कर दिल खुश कर देने वाली खबर दी है। ISRO ने अपने ट्वीट में एक वीडियो को शेयर किया है। यह वीडियो चांद की सतह का है। जिसे चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने बनाया है। लैंडर ने जिस कैमरे से ये वीडियो बनाया है उसका नाम लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा यानी LPDC है।
देखिए, LPDC कैमरे द्वारा बनाई गई वीडियो
वीडियो देख आपको कैसा लगा। लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे से बनाई गई इस वीडियो में आपको दिख रहा होगा कि चांद की सतह पर कहीं समतल स्थान है तो कहीं पर गड्ढे हैं। ये कैमरा विक्रम लैंडर के निचले हिस्से में लगाया गया है। ताकि, लैंडर चंद्रयान-3 के लिए सही और समतल सतह खोज सके। साथ ही इस कैमरे की मदद से यह देखा जा सकता है कि विक्रम लैंडर किसी ऊंची-नीची सतह पर तो लैंड नहीं हो रहा।
मिली जानकारी के अनुसार, इस कैमरे को फिलहाल ट्रायल के लिए ही ऑन किया गया था। ताकि इस बात का पता किया जा सके कि ये ठीक से काम कर रहा या नहीं। क्योंकि किस कैमरे के सहारे ही चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सेफ लैंडिंग करेगा। इस कैमरे को लैंडग से थोड़ी देर पहले फिर से ऑन किया जाएगा। ताकि उचित सतह का निरीक्षण किया जा सके।
चंद्रयान-3 को लैंड कराने में ये 5 कैमरे करेंगे मदद
विक्रम लैंडर को सही जगह पर लैंड कराने के लिए 5 कैमरे एक साथ काम करने वाले हैं। जिसमें से एक का ट्रायल ISRO कर चुका है।
- पहला कैमरा- LPDC इसका काम तो आप समझ ही चुके हैं। ये लैंडिंग के लिए सही जगह का चुनाव करने में मदद करेगा।
- दूसरा कैमरा- LHDAC यानी लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड अवॉयडेंस कैमरा
- तीसरा कैमरा- LASA यानी लेजर अल्टीमीटर
- चौथा कैमरा- LDV यानी लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर
- पांचवा कैमरा- LHVC यानी लैंडर हॉरीजोंटल वेलोसिटी कैमरा
इन पांचों कैमरो के नाम से ही इनके कामों का पता लगा सकते हैं। इन सभी कैमरों का काम लैंडर को सुरक्षित स्थान पर लैंड कराना है।