Chandrayaan 4: अगर आप चांद पर जाने का सपना देख रहे हैं, तो जल्द ही आपका ये सपना पूरा हो सकता है। क्योंकि इसके लिए चंद्रयान-4 मिशन जैसे कई अन्य मिशनों को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इस बात की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (18 सितंबर) को कर दी है। इस घोषणा के साथ उन्होंने कई प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों को मंजूरी दिए जाने की भी घोषणा की, इसमें चंद्रयान-4 के साथ-साथ वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाना शामिल है।
बता दें कि इन भावी मिशनों को सहायता प्रदान करने के लिए एक नई पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहन (रॉकेट्स और इंजनों) को मंजूरी दी गई है, जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा तक अधिकतम 30 टन का पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस मिशन की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, “चंद्रयान-4 मिशन के जरिए चांद पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद धरती पर वापस लौटने की तकनीक को विकसित किया जाएगा। साथ ही चांद से नमूने को इकट्ठा किया जाएगा, ताकि धरती पर उसका विश्लेषण किया जा सके।
चांद्रमा के अलावा शुक्र ग्रह पर भी होगी खोजबीन
वहीं, वीनस ऑर्बिटर मिशन के जरिए वैज्ञानिक शुक्र ग्रह के वातावरण, भूविज्ञान और उसके घने वातावरण की जांच कर उसे बेहतर ढंग से समझने और खोजबीन कर बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक डेटा तैयार करने की कोशिश करेंगे।
चंद्रयान-4 को मिली कैबिनेट की मंजूरी
इन नए मिशनों के बारे में बोलते हुए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि, “चंद्रयान-4 मिशन का मुख्य लक्ष्य चंद्रमा पर जाने और फिर वापस आने की तकनीक का प्रदर्शन करना है। वापस आना इसका मुख्य आकर्षण है, चंद्रयान-3 द्वारा वहां उतरना पहले ही प्रदर्शित किया जा चुका है। यदि आपको 2040 के अंत में किसी व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेजना है, जो हमारे प्रधानमंत्री का विजन है, तो हमें तकनीक में विश्वास रखने की आवश्यकता है। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए, हां, इसके लिए एक समयसीमा है- प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया लक्ष्य 2035 है। हमारी योजना यहां 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के पहले मॉड्यूल BAS-1 को लॉन्च करने की है।”
बता दें, चंद्रयान 3 एक बड़ी सफलता थी और उसी के आधार पर अगला कदम चांद पर मानवयुक्त मिशन भेजना है। इसके लिए सभी प्रारंभिक कदमों को आज मंजूरी दे दी गई है।