शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर सियासी घमासान, विपक्ष ने ‘सरकार को जूते मारो’ आंदोलन का किया आह्वान

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Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue Collapsed: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची एक मूर्ति 26 अगस्त को ढह गई थी। जिसके बाद विपक्ष ने जमकर राज्य सरकार पर हमला किया। साथ ही राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठाए।

विपक्ष का ‘सरकार को जूते मारो’ आंदोलन

वहीं अब महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के नेताओं ने इस मामले में 1 सितंबर को गेटवे ऑफ इंडिया के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने ‘सरकार को जूते मारो’ आंदोलन का आह्वान किया है। बता दें, इस आंदोलन में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के साथ सभी प्रमुख विपक्षी नेता शामिल होंगे।

मामले में आज हुई पहली गिरफ्तारी

बता दें, छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची मूर्ति ढह जाने के मामले में पुलिस द्वारा दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिनमें एक प्रतिमा बनाने वाला शिल्पकार जयदीप आप्टे और दूसरा आरोपी स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल शामिल हैं। मामले में पुलिस ने आज पहली गिरफ्तारी कर ली है। स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल जो घटना के बाद से फरार चल रहा था उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पिछले साल PM मोदी ने किया था मूर्ति का अनावरण

बता दें, पिछले साल 4 दिसंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस पर मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची इस मूर्ति का अनावरण किया था। जो बीते दिन 26 अगस्त को दोपहर करीब 1 बजे भारी बारिश और लगातार चल रही तेज हवाओं के बीच ढह गई। सूचना के बाद जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंच कर नुकसान का आकलन किया। वहीं विशेषज्ञ मूर्ति के ढहने का कारण पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

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