नई दिल्ली/डेस्क: पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने घोषणा की कि पांच साल की लोन प्राइम रेट यानी एलपीआर को 4.2 से घटाकर 3.95 कर दिया गया है. एक साल की एलपीआर, जो कॉर्पोरेट लोन के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है, 3.45 फीसदी के साथ बदलाव नहीं किया गया है. चीन की डूबती इकोनॉमी को किनारे पर लगाने के लिए बडा फैसला लिया गया है.
चीन की अर्थव्यवस्था कई तरह की विपरीत परिस्थितियों से जूझ रही है और अधिकारी आर्थिक विकास को गति देने के लिए महीनों से संघर्ष कर रहे हैं. एशियाई देश लंबे समय से संपत्ति-क्षेत्र संकट, बढ़ती युवा बेरोजगारी और वैश्विक मंदी का सामना कर रहा है, जिससे चीनी वस्तुओं की मांग में कमी आई है. चीन के केंद्रीय बैंक के ऋण दर में कटौती के कदम का उद्देश्य वाणिज्यिक बैंकों को अधिक ऋण और अधिक लाभप्रद दरों पर अनुदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, यह अधिकांश अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बिल्कुल विपरीत है, जो मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए दरें बढ़ा रही हैं.
फैसला लेने की वजह ?
जनवरी में, कंज्यूमर प्राइस 14 वर्षों से अधिक समय में सबसे तेज दर से गिरीं, जिससे सरकार पर देश की जर्जर इकोनॉमी को दोबारा से जिंदा करने के लिए और अधिक आक्रामक कदम उठाने का दबाव बढ़ गया. डिस्फ्लेशन कंपनियों की प्रोफिटिबिलिटी पर ब्रेक लगा सकती है और लॉन्ग टर्म में रोजगार और डिमांड को कम कर सकती हैं. पिछले महीने, बीजिंग ने घोषणा की थी कि वह बैंकों द्वारा रिजर्व में रखी जाने वाली राशि में कटौती करेगा, जिसे रिजर्व आवश्यकता अनुपात (आरआरआर) के रूप में जाना जाता है.
लेखक: इमरान अंसारी