अमेरिका के इस दावे से चौंका चीन; भारत ही बनेगा अगली महाशक्ति! तेजी से बढ़ रही है भारतीय इकोनॉमी

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नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश होना है। इससे पहले ही दुनिया के तमाम देश और उनकी एजेंसी भी अब मानती है कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था में से एक है। ऐसा ही दावा अमेरिक की एक फर्म मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने माना है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस समय अपने निवेश में वृद्धि करके एक नया उत्साहजनक मोड़ दिखाया है। इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में निवेश जीडीपी के मुकाबले 39 फीसदी तक पहुंच गया है, जो इस दशक की तरह तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।

यही कारण है कि मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोट् में कहा है कि इन्वेस्टमेंट के दम पर आगे बढ़ रही भारत की मौजूदा आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 2003-07 के जैसे लग रही है। उस वक्त आर्थिक वृद्धि दर औसतन 8% से ज्यादा थी। वहीं, इस बार की आर्थिक वृद्धि का मुख्य कारण कैपिटल एक्सपेंडिचर में उभरते निवेश की बढ़ती मात्रा है, जो अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस बढ़ती निवेश के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था का वर्तमान में तेजी से विकास हो रहा है।

मॉर्गन स्टेनली का भारत पर भरोसा

अमेरिकी फर्म मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के औसतन 4.5% रहने का अनुमान है। मॉर्गन स्टेनली की फर्म को उम्मीद है कि 2025-26 में भारत का चालू खाता घाटा GDP के एक से लेकर डेढ़ प्रतिशत के भीतर रह सकता है, जिसे मजबूत सेवा निर्यात का समर्थन प्राप्त होगा।

रिपोर्ट: द व्यूपॉइंट इंडिया के अनुसार

मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट ‘द व्यूपॉइंट इंडिया: व्हाई दिस फील्स लाइक 2003-07’ में कहा है कि एक दशक तक GDP के मुकाबले इन्वेस्टमेंट में लगातार गिरावट आने के बाद अब भारत में कैपिटल एक्सपेंडिचर में इजाफा हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैपिटल के खर्च के लिए पर्याप्त गुंजाइश है और इसी वजह से वर्तमान तेजी 2003-07 के ही बराबर है।