Jairam Ramesh Statement: भारत-चीन के बीच हाल ही में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुई संधि के बाद दोनों देशों का दावा है कि परिस्थितियां साल 2020 के समय की हो गई हैं और 4 साल से चले आ रहे तनावपूर्ण माहौल को थोड़ा आराम मिला है. इसको लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री और विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही अपना बयान जारी कर चुके हैं.
अब इसी मामले पर कांग्रेस ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बीजेपी और पीएम मोदी से सवाल पूछे हैं. कांग्रेस ने भारत-चीन के बीच पैट्रोलिंग पर बनी सहमति और किन मुद्दों पर बात बनी है, इसकी जानकारी मांगी है तो वहीं पर एक डिटेल्ड बयान जारी कर सरकार के रुख को बचकाना भी बताया है.
जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की ओर से जारी किए गए लिखित बयान (Jairam Ramesh Statement) में कहा गया है कि, “मोदी सरकार ने चीन के साथ LAC पर हुए समझौते को लेकर जो ऐलान किया है उस पर कई सवाल बने हुए हैं. विदेश सचिव ने कहा है कि पैट्रोलिंग को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है और जो हालात 2020 से पहले थे हम उस पर वापस पहुंच गए हैं. हमें उम्मीद है कि भारतीय विदेश नीति में सबसे बुरे झटके के रूप में पहचाने जाने वाले इस विवाद का सम्मानपूर्वक समाधान किया जा रहा है. हमें यह भी उम्मीद है कि सैनिकों की वापसी से मार्च 2020 वाली स्थिति बहाल हो जाएगी.’
हालांकि कांग्रेस महासचिव ने इस दौरान पीएम मोदी पर हमला करने का मौका नहीं छोड़ा और 4 साल तक चले इस स्टैंड ऑफ का दोषी करार देते हुए कहा कि चीन के मामले में ये दुखद घटना पीएम मोदी की नासमझी और बेवकूफी के चलते हुई है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने किए सवाल?
- क्या भारतीय सैनिक देपसांग में हमारी दावा रेखा से लेकर बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक गश्त कर पाएंगे? जैसा वे पहले करने में सक्षम थे.
- क्या हमारे सैनिक डेमचोक में उन तीन गश्त बिंदुओं तक पहुंच पाएंगे जो चार साल से अधिक समय से हमारी सीमा से बाहर हैं?
- क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक ही सीमित रहेंगे जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे?
- क्या हमारे गश्ती दल को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में उन तीन गश्त बिंदुओं तक पहुंचने की अनुमति है, जहां वे पहले जा सकते थे?
- क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर चुशुल में हेलमेट टॉप, मुक्पा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक पहुंचने का अधिकार दिया जाएगा?
- क्या “बफर जोन” जो हमारी सरकार ने चीनियों को सौंप दिया था, जिसमें रेजांग ला में युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह का स्मारक स्थल भी शामिल था, अब अतीत की बात हो गए हैं?