फ्लोर टेस्ट से पहले CM नीतीश कुमार की बढ़ी चिंता, दिल्ली में PM मोदी और नीतीश कुमार की मीटिंग की असल वजह आई सामने!

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पटना/बिहार: बिहार में पिछले कुछ दिनों से चली आ रही सियासी हलचल से बीच सियासी पारा अब हाई हो चुका है, क्योंकि बिहार में NDA गठबंधन से बनी नई सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है। यही वजह है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता में बढ़ोतरी हो रही है, जैसा कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथ नीतीश कुमार के बीच हुई मीटिंग से साफ़ जाहिर हो रहा है। बिहार में नई सरकार का फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी को होने जा रहा है और इससे पहले ही राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।

एक ओर आरजेडी ने बिहार में खेला होने का दावा किया है, तो दूसरी ओर कई दल एक-दूसरे के विधायकों के संपर्क में होने की बात कह रहे हैं। इस मध्यस्थता में, सियासी गलियारे में चर्चा है कि सीएमओ और जेडीयू से आरजेडी के विधायकों को फोन भी जा रहा है।

आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने पत्रकारों से बातचीत में इस बारे में व्यक्त किया कि “राज को राज रहने दीजिए, 12 तारीख को जो खेला होगा, वह देखा जाएगा। आगे क्या-क्या होता है, देखते रहिए।” उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार भी बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए दिल्ली भागे।

CM को डर नहीं रहता तो पीएम से मिलने क्यों जाते?

विधायक ने कहा, “उनके अंदर डर नहीं होता, तो वे मिलने जाते? वहां जाकर नीतीश कुमार कह रहे हैं कि अब कहीं नहीं जाएंगे। तो वे यहां (महागठबंधन) भी आए थे, तो यही कह रहे थे कि मर जाएंगे लेकिन बीजेपी में लौटेंगे नहीं। फिर वहां वापस जाकर कह रहे हैं कि हम आपके साथ ही जिंदगी भर राजनीति करेंगे।”

उन्होंने कहा कि आरजेडी विधायकों को जिंदगी में कोई तोड़ नहीं सकता। “हम इतने मजबूत हैं कि दूसरों को तोड़ सकते हैं, लेकिन खुद टूट नहीं सकते हैं।” उन्होंने कहा कि उन्हें कोई फोन नहीं आया है और उनके साथियों के पास भी कोई फोन नहीं आया है।

इस तरह, बिहार में सियासी समीकरण फ्लोर टेस्ट से पहले ही तेज हो गई हैं और राजनीतिक दलों के बीच आपसी गतिशीलता बढ़ रही है। अब देखना होगा कि बिहार में 12 फरवरी को खेला होगा या फिर सीएम नीतीश कुमार का जादू चलेगा।