CM Yogi action on consolidation officers: लापरवाही और भ्रष्टाचार पर फिर चला सीएम योगी का चाबुक, 28 चकबंदी अधिकारियों पर गिरी गाज

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लखनऊ/उत्तर प्रदेश: यूपी में पद के दुरुपयोग, काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार का चाबुक लगातार जारी है। सीएम योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में एक के बाद एक लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला भी जारी है। आठ मंडल के दो दर्जन से अधिक चकबंदी अधिकारियों पर गाज गिरी है। ये गाज उन अधिकारियों पर गिरी है, जो सीएम योगी के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे।

मिली जानकारी के अनुसार, ये अधिकारी चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेट-लतीफी, लापरवाही और अनियमितता बरत रहे थे। इसमें 13 बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के खिलाफ निलंबन, जवाब-तलब और अनुशासनिक कार्रवाई की गई है। वहीं, एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी को पद से हटाने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी से लापरवाही पर जवाब तलब किया है।

इसी तरह एक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, एक सहायक चकबंदी अधिकारी का वेतन रोकने के साथ स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसके अलावा तीन सहायक चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इतना ही नहीं एक सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी द्वारा उसके सेवाकाल में अनियमितता पर पेंशन में से 20 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके अलावा कई अन्यों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई।

पेंशन में 20 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव शासन को भेजा

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि, “सीएम योगी की मंशा के अनुरूप समय-समय पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए विभाग की समीक्षा बैठक की जाती है। इसी क्रम में हाल ही में समीक्षा बैठक में कई अधिकारियों के काम में लापरवाही, अनियमितता और भ्रष्टाचार में लिप्त गतिविधियां पाई गईं। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गई, जिस पर सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए।”

8 मंडलों में चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

उन्होंने आगे कहा कि इसी क्रम में आठ मंडल प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या और देवीपाटन के चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इनमें बरेली, हरदोई, ललितपुर, उन्नाव, चित्रकूट और जौनपुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी क्रमश: पवन कुमार सिंह, श्रीप्रकाश चंद्र उत्तम, राकेश कुमार, सुरेश कुमार सागर, मनोहर लाल और स्वतंत्र वीर सिंह यादव को चकबंदी कार्यों में अपेक्षित प्रगति न होने पर जवाब तलब किया गया है।

इन चकबंदी अधिकारियों पर भी गिरी गाज

वहीं, प्रतापगढ़ के उप संचालक चकबन्दी और मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता को पर्यवेक्षणीय दायित्व का निर्वहन न करने पर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। जबकि, गोरखपुर के उप संचालक चकबन्दी अधिकारी राज नारायण त्रिपाठी को कार्य की प्रगति संबंधी सूचना न देने पर पद से हटाने के लिए नियुक्ति विभाग को पत्र लिखा गया है। वहीं, सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी रमेश पाल सिंह राणा द्वारा सेवाकाल में अनियमितता पर पेंशन में 20 प्रतिशत कटौती करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

लापरवाही पर कुशीनगर बंदोबस्त अधिकारी निलंबित

राहत आयुक्त ने बताया कि कुशीनगर के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी संतोष कुमार को कार्य में लापरवाही पर निलंबित कर दिया गया। साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा वाराणसी के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी पवन कुमार सिद्धू को धारा-52 में लक्षित ग्राम अजगरा का कार्य पूर्ण न करने तथा स्थानान्तरित चकबन्दी लेखपालों को अवमुक्त न करने के कारण वेतन करने के साथ अनुशासनिक कार्रवाई की गई।

किसी के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई, तो किसी का रुका वेतन

इसके साथ ही कार्य में शिथिलता पर शाहजहांपुर, मीरजापुर, गोरखपुर और देवरिया के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी क्रमश: मोहन लाल तत्कालीन, नरेंद्र सिंह, शशिकांत शुक्ला और पवन पांडेय के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की गई। यही नहीं कनौज के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी धमेंद्र सिंह, बाराबंकी के चकबंदी अधिकारी शिव नारायन गुप्ता, बाराबंकी के कनिष्ठ सहायक उमाशंकर को जांच में अनियमितता पर अनुशासनिक कार्रवाई की गई। फतेहपुर के ग्राम ललौती का कार्य लक्ष्य के अनुसार पूर्ण न होने पर सहायक चकबंदी अधिकारी महेन्द्र सिंह का वेतन रोक दिया गया। साथ ही स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसी तरह बलरामपुर के सहायक चकबंदी अधिकारी संदीप यादव द्वारा ग्राम मस्जीदिया का कार्य पूर्ण न करने पर अनुशासनिक कार्रवाई की गई।

कार्य पूर्ण ने होने पर चकबंदी लेखपालों को किया निलंबित

प्रयागराज, जौनपुर और आजमगढ़ के कई गांवों में चकबंदी का काम जारी है। जिसको लेकर यहां पर नियुक्त चकबंदी अधिकारियों पर धीमा काम करने और कार्य पूर्ण न करने पर चकबंदी अधिकारियों सहित चकबंदी लेखपालों पर भी गाज गिरी है।