नई दिल्ली/डेस्क: देश में चुनाव को लेकर माहौल गरमाया हुआ है, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव पर सभी की नज़रें तिकी हुई है, चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान भी कर दिया। ऐलान के बाद बीजेपी और कांग्रेस चुनाव में और सक्रिय होने वाली है, इन 5 राज्यों के चुनाव में बीजेपी को डर है कि कहीं वो कर्नाटक जैसी हार का सामना ना करें, लेकिन अगर देखा जाए तो सभी राज्यों में कांग्रेस का पडला कहीं न कहीं भारी नज़र आ रहा है।
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने कारगिल के लद्दाख में हुए स्वायत्त पहाड़ी परिषदीय चुनावों में भाजपा को हरा दिया। साल 2019 में अनुच्छेद 370 रद्द होने के बाद यहां पर पहले चुनाव का आयोजन किया गया था। लद्दाख परिषदीय चुनाव के 26 सीटों के लिए मतगणना आगे बढ़ने के साथ कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया। 22 सीटों के आए चुनाव परिणामों में से कांग्रेस ने आठ और नेशनल कांफ्रेंस ने 11 पर जीत हासिल की। वहीं, भाजपा को दो और निर्दल उम्मीदवार को एक सीट मिली।
फिलहाल फिरोज खान हैं अध्यक्ष मौजूदा परिषद की अध्यक्षता नेशनल कांफ्रेंस के फिरोज अहमद खान कर रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव से पहले नेशनल कांफ्रेंस के साथ हाथ मिला लिया और 22 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा। नेशनल कांफ्रेंस ने 17 उम्मीदवार उतारे। दोनों पार्टियों ने कहा कि यह व्यवस्था उन क्षेत्रों तक सीमित है जहां भाजपा के साथ कड़ा मुकाबला है।
पिछले चुनाव में एक सीट जीतने वाली और बाद में पीडीपी के दो पार्षदों के पार्टी में शामिल होने के बाद अपनी सीटों की संख्या तीन तक पहुंचाने वाली भाजपा ने इस बार 17 उम्मीदवार उतारे थे। आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई जबकि 25 निर्दलीय भी मैदान में थे।
लेखक: इमरान अंसारी