दलित, मुस्लिम और जाट पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का फोकस!

Published

नई दिल्ली/डेस्क: भारतीय जनता पार्टी को तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए कांग्रेस पूरा दम लगा रही है. बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए कांग्रेस का उत्तर प्रदेश पर खासा फोकस है और इसमें भी खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश. दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है और कांग्रेस ने अगर यहां पर अच्छा प्रदर्शन किया तो समझिए बीजेपी की मुश्किल कहीं ना कहीं बढ़ जाएंगी. हालांकि निर्भर इसपर भी करता है कि कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

बात करें यूपी की सियासत की, तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई जोर नज़र नहीं आता है. तो वहीं साल 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पर भी लोगों ने भरोसा नहीं जताया. उत्तर प्रदेश की जनता ने भारी वोटों के साथ भाजपा को ही जीताया. लेकिन इस बार INDIA गठबंधन BJP को हराने की पूरी कोशिश कर रही है. पश्चिमी यूपी के जिलों पर फोकस करने के पीछे कांग्रेस की दलित और मुस्लिम सपोर्ट को मजबूत करने की रणनीति है.

पश्चिमी यूपी में दलित, मुस्लिम और जाट अच्छी खासी संख्या में हैं जो किसी भी पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं. पार्टी ने हाल ही में इमरान मसूद और अहमद हामिद जैसे पश्चिमी यूपी के प्रमुख अल्पसंख्यक नेताओं को अपने पाले में लिया. 2014 के बाद से यूपी में कांग्रेस के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई है. पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनावों में लगभग 2.33% वोट मिले और केवल 2 सीटें जीतीं.

2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी केवल अपने गढ़ रायबरेली से जीती. राहुल गांधी भी अमेठी से बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए. अब इंडिया गठबंधन के हिस्से के रूप में कांग्रेस राज्य में खोई जमीन को पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

लेखक: इमरान अंसारी

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *