नई दिल्ली/डेस्क: भारतीय राजनीति में, ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्य समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एमपी चुनाव के माहौल में कांग्रेस से नाराज हैं। अखिलेश यादव ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी पार्टी यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान सीट शेयरिंग पर सबसे पुरानी पार्टी को ‘जैसे को तैसा’ की तर्ज पर जवाब देगी।
उन्होंने गुरुवार को कांग्रेस नेतृत्व से मध्य प्रदेश में अपने ‘छोटे’ नेताओं को बिना वजह बयान देने से रोकने को कहा। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं को बीजेपी से साझेदारी करने का आरोप लगाया।
अखिलेश यादव के बयान पर राजनीतिक विचारकों और लोगों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यह गठबंधन दीर्घकालिक नहीं चलेगा। ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने वाले दल पहले से ही एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं। कुछ लोग अखिलेश के बयान को आने वाले साल के आम चुनाव से पहले गठबंधन के टूटने की घोषणा के रूप में देख रहे हैं।
क्यों नाराज हुए अखिलेश
वास्तव में, कांग्रेस नेता कमल नाथ और दिग्विजय सिंह ने यह दावा किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन का मुख्य उद्देश्य बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनावों में एकजुट होना है, और यह गठबंधन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नहीं है। अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेताओं के इस बयान पर सवाल उठाया कि दोनों कांग्रेसी किस आधार पर इस तरह के दावे कर रहे थे, जब वे ‘इंडिया’ गठबंधन की किसी भी बैठक में शामिल नहीं थे।
अखिलेश ने कहा, ‘इसका मतलब है कि I.N.D.I.A. की बैठकों में जो चर्चा हुई उसे मैं समझने में विफल रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व को अपने राज्य के नेताओं को शीर्ष स्तर पर हुई बातचीत के बारे में जानकारी देनी चाहिए। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है, तो उन्हें इन ‘चक्करकुट’ (छोटे) नेताओं को तुच्छ बयान देने से रोकना चाहिए। ये नेता एमपी में बीजेपी के साथ हैं।
सपा प्रमुख ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के साथ जहां जैसा व्यवहार किया जायेगा, वैसी ही व्यवहार समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ करेगी। जिस तरह से वे यहां (एमपी चुनावों में) हमारे साथ व्यवहार कर रहे हैं, वही व्यवहार लोकसभा चुनावों के लिए यूपी में कांग्रेस साथ किया जाएगा।
लेखक: करन शर्मा