उत्तराखंड को पुराना कश्मीर बनाने की साजिश ? आखिर कौन है इसका मुख्य मास्टरमाइंड ?

Published

नई दिल्ली/डेस्क: हल्द्वानी हिंसा ने पूरे देश में को हिला दिया. दंगाईयों ने ऐसी आगजनी की, कि अभी तक 6 लोग अपनी जान गवा चुके है. हिंसा के वक़्त हर जगह जख्मी लोग नज़र आ रहे थे. अभी तक 300 से अधिक लोग जख्मी हो चुके हैं. मंज़र ऐसा कि जिन्होंने इस हिंसा में अपनों को खोया उनसे सिर्फ और सिर्फ चीख-पुकार की आवाज़ ही सुनाई दे रही है. हिंसा के बाद धामी ने दंगाईयों को देखते ही गोली मरने के आदेश दे दिए.

उत्तराखंड का हल्द्वानी शहर हिंसा की आग में सुलग उठा. अवैध मदरसा तोड़े जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी, हल्द्वानी के बनभूलपुरा के मलिक के बगीचे में नगर निगम की भूमि पर अवैध रूप से मस्जिद और मदरसे का संचालन चल रहा था. जिला प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम मदरसा और मस्जिद संचालक को नोटिस जारी कर खाली करने के निर्देश दिए. लेकिन उनके द्वारा खाली नहीं किए जाने के बाद पुलिस-प्रशासन की टीम हटाने के लिए गुरुवार को भारी पुलिस फोर्स और जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंची.

जिसका लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया और पुलिस, जिला प्रशासन और लोगों पर पथराव कर दिया. घटना में कई पुलिसकर्मी जिला प्रशासन के लोग और मीडियाकर्मी घायल हो गए, इसके बाद बवाल बढ़ गया.

दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए. हल्द्वानी हिंसा मामले में अब तक 19 नामजद आरोपियों सहित 5000 अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल तीन एफआईआर दर्ज की गई. 50 से ज्यादा संबंधित आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया. हालांकि, सड़कों पर फैले पत्थर और जले वाहनों के टुकड़े वहां हुई हिंसा की गवाही दे रहे थे.

लेखक: इमरान अंसारी