दशरथ मांझी की तरह ही बिहार के इन गांवों में जगी हिम्मत, सरकार ने नहीं सुनी बात तो बना दिया चचरी पुल

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किशनगंज/बिहार: किशनगंज में सरकार और प्रशासन की अनदेखी से नाराज लोगों ने खुद ही समस्या का समाधान निकाला. टेढ़ागाछ प्रखंड में हर साल बारिश से लोगों को बहुत परेशानी होती है. बारिश के बाद जलजमाव हो जाता है और आवागमन ठप हो जाने से लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है. गांव के लोगों ने कई बार समस्या की शिकायत प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से की, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला.

चंदा इकट्ठा कर लोगों ने बनाया पुल

टेढ़ागाछ प्रखंड में सरकार और प्रशासन ने गांव वालों की समस्या नहीं सुनी तो लोगों ने खुद ही कटिंग स्थल पर चचरी पुल निर्माण करने का फैसला लिया. स्थानीय लोगों ने श्रमदान और आपस में चंदा इकट्ठा कर आवागमन के लिए चचरी पुल बनाया. चिल्हनियां पंचायत के वार्ड नंबर 10 के वार्ड सदस्य सुशील कुमार ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों ने सामूहिक चंदा इकठ्ठा कर और श्रमदान देकर आमबाड़ी कटिंग पर चचरी पुल का निर्माण किया. पुल के अभाव में गांव वालों को 5 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी.

जनप्रतिनिधियों ने नहीं किया वादा पूरा

गांव वालों ने बताया कि यहां चचरी पुल नहीं रहने से रहमतपुर, धाधर,बेणुगढ़ कुचहा होकर टेढ़ागाछ मुख्यालय जाना पड़ता था. अब आवागमन शुरू हो जाने से लोगों को राहत मिली है. ग्रामीणों ने बताया वे यहां आरसीसी पुल निर्माण की मांग काफी लंबे समय से करते आ रहे हैं,लेकिन ग्रामीणों की पीड़ा किसी ने नहीं सुनी. बता दें कि लोगों को यहां के जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत है. उन्होंने कहा कि सांसद और विधायक दोनों ने यहां पुल बनाने का वादा किया था लेकिन उन्होंने पुल नहीं बनवाया.

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