Cyclone Remal: बंगाल की खाड़ी में उठ रहे चक्रवात तूफान का नाम “रेमल” रखा गया है। आज इस साइक्लोन के बंगाल और ओडिशा के तटों से टकराने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग द्वारा चक्रवात तूफान के दौरान 135 किमी की रफ्तार से हवाएं चलने की बात कही गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं रेमल का मतलब क्या है?
रेमल का क्या है मतलब?
बंगाल और ओडिशा में आने वाले चक्रवात को रेमल नाम दिया गया है। बता दें कि यह नाम ओमान देश ने रखा है, जो कि एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ रेत होता है।
क्यों किया जाता है तूफान का नामकरण?
तूफान का नामकरण इसलिए भी किया जाता है, जिससे लोगों को मौसम में हो रहे बदलाव और तूफानों की स्थिति के बारे में आसानी से जानकारी मिल पाए। 1972 में डब्लूएमओ यानी मीटीरियोलॉजिकल आर्गेनाइजेशन ने पीटीसी (पैनल ऑफ ट्रॉपिकल साइकलोंस) की स्थापना की। पीटीसी का उद्देश्य हिंद महासागर के क्षेत्रों में आने वाले तूफानों की चेतावनी देना और आपदा की रोकथाम के विषय पर कार्य करना है।
ओमान में मीटिंग में लिया गया था फैसला
पीटीसी के सदस्य भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, ईरान, कतर, सउदी अरब, और ओमान जैसे देश हैं। 2004 में ओमान में पीटीसी की मीटिंग हुई, जिसमें अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठने वाले तूफानों को लेकर चर्चा हुई। उस समय यह सहमति बनी कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठने वाले तूफानों में आने वाले चक्रवाती तूफानों के नाम सभी सदस्य बारी-बारी रखेंगे।
2020 में पीटीसी के मेंबर्स ने मिलकर चक्रवातों के नाम की एक लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में 169 नाम शामिल थे, जिसमें हर देश ने 13,13 नाम सुझाए थे। आज के समय में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठने वाले तूफानों के नाम इसी लिस्ट में से रखे जाते हैं।
लेखक: रंजना कुमारी