नई दिल्ली/डेस्क: तारीख 7 अक्टूबर 2023, सुबह का वक्त. फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर रॉकेट दाग दिए. जहां लोगों को आम दिनों की तरह सोकर उठने के बाद अपने रोजमर्रा कामों की ओर बढ़ना था, ऐसें में सुबह की शुरुआत ऐसी हुई कि सैकड़ों लोग कभी नींद से ही न उठे. ये इजरायल की आम जनता थी. जो कि हमास के हमले का शिकार हुई.
थोड़ी ही देर में पूरी दुनिया को खबर लगी कि इजरायल पर आतंकी हमला हुआ. यह हमला गाजा पट्टी से हुआ और पड़ोसी देश फिलिस्तीन के आंतकी संगठन हमास ने किया. अब तक इस हमले में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. हजारों लोग घायल हैं. हमास की क्रूरता और बर्बरता के बाद इजरायल ने जिस ढंग से पलटवार किया है उसने इतना तो स्पष्ट कर दिया है कि ये लड़ाई किसी अंजाम तक गए बिना अब रुकने वाली नहीं है.
यूं तो यहूदियों और मुसलमानों के बीच कई वर्षों से संघर्ष चले आ रहे थे. लेकिन इन संघर्षों में एक खतरनाक मोड़ साल 1987 में आया. 1987 वो वर्ष है जब हमास का गठन हुआ. विश्व इसको एक आतंकी संगठन के नाम से जानता है. हमास का गठन 1987 में मिस्र और फिलस्तीन ने मिलकर किया था, रिपोर्ट्स की मानें तो हमास इजरायली सेना के मुकाबले कमजोर संगठन ही है, दरअसल, इस विवाद की वजह अल-अक्सा मस्जिद परिसर है. जिसका मकसद संवेदनशील माने जाने वाले अल-अक्सा परिसर को आजाद कराना है.
लेखक: इमरान अंसारी