Deepotsav: ऑनलाइन दीपदान कर घर बैठे मिलेगा प्रसाद; जानें कैसे बने इस महोत्सव का हिस्सा?

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Deepotsav: दीपोत्सव-2024 के अवसर पर अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ‘एक दीया राम के नाम’ कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके तहत देश-विदेश में रहने वाले श्रद्धालु भी घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से दीपदान कर सकते हैं. इस कार्यक्रम के जरिए श्रद्धालु अयोध्या के भव्य दीपोत्सव का हिस्सा बन सकेंगे और बदले में उन्हें प्रसाद भी भेजा जाएगा. प्रसाद का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किया जाएगा.

ऑनलाइन दीपदान से जुड़ें और बनें भव्य आयोजन का हिस्सा!

दीपदान करने के इच्छुक श्रद्धालु http://www.divyaayodhya.com/bookdiyaprashad लिंक पर जाकर अपनी सहभागिता दर्ज करा सकते हैं. अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्वनी कुमार पांडेय ने बताया कि यह पहल उन श्रद्धालुओं के लिए है जो दीपोत्सव के मौके पर अयोध्या नहीं आ सकते लेकिन अपने भावों को व्यक्त करना चाहते हैं. देश-विदेश के श्रद्धालु अयोध्या में होने वाले, इस महान दीपोत्सव का हिस्सा बन सकते हैं, जिसके प्रतिफल में उन्हें प्रसाद भी भेजा जायेगा. इस प्रसाद को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा निर्मित किया जाएगा.

दीपोत्सव की भव्य तैयारियां जारी

अयोध्या में हर साल सरयू नदी के तट पर छोटी दीपावली के अवसर पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष भी 30 अक्टूबर को होने वाले इस आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं. डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देशन में दीपोत्सव के आयोजन के लिए 22 समितियों का गठन किया गया है, जिनमें समन्वय, सुरक्षा, अनुशासन, यातायात, स्वच्छता, फोटोग्राफी, मीडिया, और अन्य कार्यों के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल की अध्यक्षता में समन्वय समिति का गठन किया गया है, जबकि नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र सहित 20 सदस्य इस आयोजन की देखरेख करेंगे.

राम की पैड़ी पर मार्किंग का काम 80% पूरा

दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि राम की पैड़ी पर 80 प्रतिशत मार्किंग का काम पूरा हो चुका है, जिससे सरयू के घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन का कार्य सुचारू रूप से हो सके. कुल 55 घाटों पर 28 लाख दीए जलाए जाएंगे, जिनमें 25 लाख दीप राम की पैड़ी पर जलेंगे.

इस आयोजन को भव्य और सफल बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही हैं, ताकि यह दीपोत्सव हर साल की तरह इस बार भी ऐतिहासिक हो सके.