नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है, जिसमें कॉन्सर्ट टिकटों की अवैध रिसेलिंग (फिर से बेचना) और टिकट स्केलिंग (काला बाजारी) को रोकने के लिए एक नियामक ढांचे की मांग की गई है. मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहित स्टबहब इंक, वियागोगो एंटरटेनमेंट इंक और बुकमाईशो की मालिकाना कंपनी बिगट्री एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड जैसी निजी संस्थाओं से चार सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने का आदेश दिया है.
अदालत ने अगली सुनवाई 18 फरवरी 2025 को निर्धारित की है, ताकि पहले से ही लंबित एक समान याचिका के साथ इसपर भी सुनवाई हो सके. याचिकाकर्ताओं ने डिजिटल टिकटिंग समाधान प्रदान करने वाले ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को ब्लैक-मार्केट बिक्री और टिकटों की अनधिकृत पुनर्विक्रय के खिलाफ कठोर सुरक्षा उपाय लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
क्या है मामला?
कोर्ट ने इस याचिका में क्रिकेट मैच, कॉन्सर्ट और लाइव शो जैसे उच्च-मांग वाले आयोजनों में टिकट स्केलिंग की समस्याओं को उजागर किया गया है. विशेष रूप से कोल्डप्ले बैंड के आगामी संगीत कार्यक्रम के टिकटों की अवैध बिक्री का उल्लेख किया गया है, जो बुकमाईशो के माध्यम से वैध रूप से बेचे जा रहे हैं. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि इन अनियमितताओं से आम जनता का शोषण हो रहा है और प्रशंसकों को अनुचित तरीके से महंगे टिकट खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
याचिकाकर्ताओं ने केंद्र से यह भी आग्रह किया है कि वह ऐसे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को ब्लॉक करने के लिए कदम उठाए, जो गैरकानूनी रूप से टिकटों की पुनर्विक्रय गतिविधियों में शामिल हैं.