नई दिल्ली। शुक्रवार रात उत्तर प्रदेश के झांसी (झांसी अग्निकांड) में राजकीय महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं मौत हो गई. जिसके बाद शनिवार सुबह पोस्टमार्टम शुरू हुआ. शुक्रवार रात को दम तोड़ने से पहले सभी 10 बच्चे बुरी तरह जल गए थे.
8 बच्चों की कोई सूचना नहीं
बता दें कि शुक्रवार रात करीब 10.20 बजे NICU वार्ड में लग गई. अधिकारियों और अस्पताल प्रशासन को तुरंत इसकी सूचना दी गई. नवजात शिशुओं को NICU वार्ड से निकालने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़े गए. घटना में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई जबकि 39 शिशुओं की हालत स्थिर बताई जा रही है. वहीं घटना के बाद से अभी तक 8 बच्चों की कोई सूचना नहीं मिल पाई है.
आग से बचे नवजात शिशुओं को मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों के दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है. 39 शिशुओं की हालत स्थिर बताई जा रही है, जिन्हें जलने से कोई चोट नहीं आई है. जबकि 10 नवजात शिशुओं के शवों का शनिवार सुबह पोस्टमार्टम शुरू किया गया.
झांसी अग्निकांड की तीन स्तरों पर होगी जांच
घटना के बाद झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मीडिया को बताया कि सरकार इस त्रासदी की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है. उन्होंने घोषणा की कि घटना की तीन स्तरों पर जांच की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन के अलावा इसकी मजिस्ट्रेट जांच भी की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो हो रहा सोशल मीडिया पर वायरल
झांसी अग्निकांड को लेकर कई तरह के विडीयो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें है. जिसमें अलग अलग दावे किए जा रहें है. वायरल वीडियो में लोग दावे कर रहे हैं कि घटना के वक्त डॉक्टर भाग रहे थे, हॉस्पिटल में चीख-पुकार मची हुई थी. लोगों ने दावा किया कि बयान देने पर अस्पताल द्वारा उन्हें धमकाया जा रहा है.वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पहुंचने से पहले अस्पाताल के पास सड़क की सफाई कर चूना डालने का वीडियो भी वायरल हो रहा है.