Digital Arrest Scam: देशभर में साइबर फ्रॉड की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. राजधानी दिल्ली से ‘डिजिटल अरेस्ट’ का एक मामला सामने आया है. जहां एक 72 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से 10 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी कर ली गई है. क्या है पूरा मामला? कैसे साइबर फ्रॉड अपराधियों ने लगाया रिटायर्ड इंजीनियर को 10 करोड़ का चूना? विस्तार से समझते हैं.
दिल्ली स्थित रोहिणी के सेक्टर 10 में एक रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ रहते हैं. जहां उन्हें साइबर फ्रॉड अपराधियों द्वारा 8 घंटे तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके रखा गया. इस बीच उनसे 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई. जिसके बाद पीड़ित ने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई.
60 लाख फ्रीज करने में सफल हुई पुलिस
घटना की जानकारी के बाद जांच में जुटी पुलिस को 60 लाख रुपये ‘फ्रीज’ करने में सफलता मिली. दरअसल, पुलिस को जब जांच में पता चला कि जालसाजों ने सबसे पहले रकम को सात बैंक खातों में डलवाया था. उसके बाद पैसों को करीब 15 सौ अलग अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया. ऐसे में पुलिस ने कई बैंक खातों को फ्रीज किया, जिसमें करीब 60 लाख रुपये जमा किए गए हैं.
कैसे की 10 करोड़ की ठगी? पीड़ित ने बताई आपबीती
शिकायत में पीड़ित ने बताया कि अपराधियों ने पार्सल कंपनी के कर्मचारी बनकर उन्हें फोन किया था.कॉल पर अपराधियों ने कहा कि पीड़ित द्वारा प्रतिबंधित दवाइयों से भरा पार्सल ताइवान भेजा जा रहा है. साथ ही कहा कि मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी उनसे बात करना चाहते हैं. फिर एक जालसाज ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए पीड़ित व्यक्ति को वीडियो कॉल पर बुलाया.
इसके बाद उन्होंने पीड़ित को डराना और धमकाया शुरू. इस बीच पीड़ित से उनके परिवार की भी जानकारी ली. इसके बाद पीड़ित को धमकी दी कि वे उनके बच्चों को भी इसमें शामिल कर लेंगे और फंसा देंगे. इन धमकियों के साथ जालसाजों ने पीड़ित को 10.3 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. जब कुछ समय बाद जालसाजों द्वारा लगातार धमकी दी जा रही थी तो पीड़ित व्यक्ति को शक हुआ और उसने अंत में अपने लेपटॉप को बंद करना सही समझा.