आज की दुनिया में हम मीडिया से घिरे हुए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर टेलीविजन और प्रिंट मीडिया तक हम पर लगातार सूचनाओं की बौछार होती रहती है, लेकिन डिजिटल मीडिया का दौर शुरू होने के साथ- साथ पारंपरिक मीडिया को लेकर अक्सर सवाल पूछा जाता है कि क्या डिजिटल मीडिया टेलिविजन मीडिया को पीछे छोड़ देगा?
न्यू मीडिया के इस दौर में इंटरनेट की बढ़ती पहुंच का फायदा आने वाले दिनों में डिजिटल मीडिया को मिलने वाला है। या यूं कहे कि मिल भी रहा है। इस संभावना को प्रबलता उद्योग मंडल फिक्की और दिगग्ज कंसल्टिंग कंपनी ईवाई के रिपोर्ट से मिलती है। उद्योग मंडल फिक्की और दिगग्ज कंसल्टिंग कंपनी ईवाई ने एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में इस साल डिजिटल मीडिया 75,100 करोड़ रुपए के अनुमानित आकार के साथ जल्द ही टेलीविजन को पीछे छोड़ सकता है।
क्या कहती है फिक्की और ईवाई की रिपोर्ट?
फिक्की और ईवाई की ओर से जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक एम एंड ई सेक्टर 2024 तक 10.2 प्रतिशत बढ़कर 2.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। वहीं, 2026 तक 10 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ यह 3.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
हालांकि, 2023 में टेलीविजन 69,600 करोड़ रुपए के साथ सबसे बड़ा यूनिट रहा है। लेकिन 2022 में 70,900 करोड़ रुपये के मुकाबले इसमें 1.83 प्रतिशत की गिरावट आई।
वहीं, दूसरी ओर 2023 में डिजिटल मीडिया 65,400 करोड़ रुपये को पार कर गया और 2024 में लगभग 75,100 करोड़ रुपये पहुंच जाने की उम्मीद है। यह टेलीविजन मीडिया के 71,800 करोड़ रुपए के आंकड़े से अधिक है। हाल के कुछ सालों में न्यू मीडिया की भूमिका बढ़ी है। चाहे आप विदेश में रह कर पढ़ाई कर रहे हों या अपने परिवार और मित्रों से दूर हों या ज्यादातर समय अलग-थलग रहते हों, डिजिटल मीडिया आपके सामाजिक संपर्क को बढ़ाता है। क्योंकि डिजिटल मीडिया लोगों को शारीरिक संपर्क की आवश्यकता के बिना संबंध विकसित करने की अनुमति देता है।
डिजिटल मीडिया कैसे बना रहा है अपनी जगह?
डिजिटल मीडिया के जरिए होने वाली बातचीत में आज हम सभी को कई तरह के विचारों, संस्कृतियों को समझने और जानने का मौका मिलता है। इसके साथ ही नए अवसरों और संभावनाओं का पता भी चलता है।
हालांकि, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पारंपरिक मीडिया ने लंबे समय से लोगों तक सूचना पहुंचाने के साथ-साथ जनसरोकार के मुद्दों से लोगों को जोड़ने का काम किया है। लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह से डिजिटल मीडिया की भूमिका बढ़ी है, वैसे में हम दुनिया के किसी भी हिस्से में होने वाली खबर से अनजान नहीं रहते हैं।
उदाहरण के तौर पर विश्व के किसी भी कोने में किसी संकट की सूचना मिलने पर लोग प्रयास के लिए त्वरित एकजुट हो जाते हैं। इसके साथ ही लोगों तक तथ्यों और आंकड़ों की पहुंच भी संभव हो पाई है। जिसकी वजह से किसी भी मुद्दे पर निर्णय लेना पहले की अपेक्षा अब ज्यादा आसान हुआ है।
डिजिटल तकनीक कैसे बनी लोगों की पहली पसंद?
डिजिटल मीडिया नागरिक भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ काम करने के तौर तरीकों में भी क्रांति लाया है। दिन पर दिन डिजिटल मीडिया की मजबूत होती भूमिका के पीछे मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा, उपभोक्ताओं के लिए प्रभावी और सरल विकल्पों की उपलब्धता जैसी तमाम खूबियां शामिल हैं।
इस बात में कोई शक नहीं है कि डिजिटल तकनीक ने आधुनिक समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह संचार, सूचना प्राप्ति, जानकारी को प्रसारित करने, स्टोर और संचालित करने, नवीनतम तकनीकी नवाचारों को अनुसरण करने आदि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किया है।
डिजिटल तकनीक के उपयोग से हम ईमेल, सोशल मीडिया, वेबसाइट, ऐप्स, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बैंकिंग, विद्यालयों के लिए ऑनलाइन शिक्षा, विज्ञान और मेडिकल जगत में तकनीकी प्रगति, औद्योगिक क्षेत्र में ऑटोमेशन और रोबोटिक्स, औषधीय और मेडिकल फ़ील्ड में उन्नती, रणनीतिक उपकरणों का उपयोग और अन्य कई चीजें कर सकते हैं।
डिजिटल तकनीक से क्या-क्या बदला?
इसके अलावा, डिजिटल तकनीक ने सोर्स ऑफ इन्कम के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह ऑनलाइन विज्ञापन, ई-कॉमर्स, फ़्रीलांसिंग, डिजिटल मार्केटिंग, आपूर्ति श्रृंखला व्यवस्था, नेटवर्क मार्केटिंग, डेटा एनालिटिक्स, कम्प्यूटर साइंस, वेब डिजाइनिंग और विकास, सॉफ़्टवेयर विकास आदि के क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। डिजिटल तकनीक की भूमिका आजकल सभी जीवन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हो गई है और इसका उपयोग करने के बिना हम सोच, समाज, शिक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, मनोरंजन, सड़कों के यातायात समेत अनेक क्षेत्रों में असंभव हो चुका है।
डिजिलटल मीडिया में भारत ने कैसे बनाई पकड़?
भारत में डिजिटल मीडिया की प्रगति बहुत तेजी से हो रही है, टेलीविजन अभी भी उद्योग का मुख्य माध्यम बना हुआ है और इसकी एक विशाल दर बाजार में मौजूद है। टेलीविजन इंडस्ट्री भी आगामी दशकों में पुनर्जीवित हुआ है, जहां नई और उन्नत डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ लाइव स्ट्रीमिंग, स्ट्रीमिंग सेवाएं और सामग्री के नए उपयोगकर्ता अनुभव उपलब्ध हो रहे हैं।
हम यह कह सकते हैं कि टेलीविजन पर मौजूद डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म भी बदल रहे हैं। आज के दौर में, टेलीविजन पाठक भी अधिकांश अपने मोबाइल या कम्प्यूटर पर स्ट्रीमिंग सेवाओं का उपयोग करते हैं, जिन्हें उनकी पसंद के अनुसार समय के लिए कस्टमाइज़ किया जा सकता है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी उद्योग में बदल रहे हैं, जहां यूजर्स आपस में सीधे जुड़कर खबरों और सूचनाओं को साझा कर सकते हैं।
डिजिटल मीडिया की दृष्टि से, टेलीविजन अभी भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है, खासकर जब हम लाइव चरण संबंधीत घटनाओं या सरकारी और सामाजिक मामलों की खबरें देखना चाहते हैं। इसके साथ ही, टेलीविजन का विस्तार कर डिजिटल सामग्री और डिजिटल मीडिया की जरूरतों पर ध्यान दिया गया है, जिससे इसका वर्गीकरण और विस्तार किया जा सकता है।
क्या सच में खत्म हो जाएगा ओल्ड मीडिया?
डिजिटल मीडिया टेलीविजन को पूरी तरह से पीछे छोड़ देगा ऐसा लग रहा है, लेकिन इसे नए संचार माध्यमों के साथ अनुकूलित करेगा और उसे सामग्री, दृश्यता और यूजर अनुभव में नई संभावनाएं प्रदान करेगा। यह विश्वसनीय है कि जैसे डिजिटल मीडिया और टेलीविजन बाजार की बढ़ती मांग के साथ और अधिक प्रभावी होंगे, उनका अवसान एक संघर्ष नहीं होगा, बल्कि वे एक ही उद्योग के अलग-अलग पहलुओं को संगठित करेंगे और साथ संचालित करेंगे।
लेखक- सरफ़राज़ सैफ़ी
(देश के जाने-माने न्यूज़ एंकर और News India24x7 के वाइस प्रेसिडेंट न्यूज़ हैं)