आंध्र प्रदेश के दिवंगत कांग्रेस नेता वाईएस राजशेखर रेड्डी की संपत्ति को लेकर चल रहे कानूनी विवाद के बीच उनकी पत्नी वाईएस विजयम्मा ने अपने बेटे और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी वाईएस शर्मिला के साथ अन्याय हो रहा है, और उनके लिए ये “फर्ज” है कि वह बेटी के हक में आवाज उठाएं.
संपत्ति बंटवारे को लेकर उठाए सवाल
विजयम्मा ने अपने तीन पन्नों के पत्र में कहा कि राजशेखर रेड्डी के जीवित रहते संपत्ति का बंटवारा नहीं हुआ था. उन्हें यह देखकर दुख होता है कि एक बच्चे के साथ भेदभाव किया जा रहा है. यह पत्र तब लिखा गया जब वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मिला ने अवैध रूप से उनके और उनकी पत्नी के शेयर अपने और अपनी मां के नाम पर करवा लिए हैं.
राजनीति में शर्मिला के योगदान का उल्लेख
विजयम्मा ने लिखा कि शर्मिला ने परिवार के व्यवसायों में भाग नहीं लिया, लेकिन जगन की राजनीतिक सफलता के लिए बहुत मेहनत की और हमेशा अपने भाई के निर्देशों का पालन किया. उनकी मेहनत से ही जगन को सत्ता मिली. विजयम्मा ने जगन से आग्रह किया कि वह अपनी बहन को उनके हिस्से की संपत्ति जैसे भारती सीमेंट्स और साक्षी मीडिया का हिस्सा दें.
भाई-बहन के रिश्तों में खटास पर चिंता
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग, जिनमें कुछ वाईएसआरसीपी नेता भी शामिल हैं, गलत जानकारी फैला रहे हैं, जिससे भाई-बहन के रिश्ते और खराब हो रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि जगन और शर्मिला अपने विवादों को खुद सुलझा लेंगे और परिवार की प्रतिष्ठा को बनाए रखेंगे.
अदालत में याचिका और जवाब
सितंबर में जगन ने NCLT में कंपनी अधिनियम की धारा 59 के तहत याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने शेयर हस्तांतरण को अवैध ठहराते हुए उन्हें और उनकी पत्नी को मालिक के रूप में पुनः बहाल करने की मांग की. इसके जवाब में शर्मिला ने खुला पत्र लिखा कि वह अपनी संपत्ति के हिस्से की हकदार हैं और भाई ने ही पहले अपनी मां को शेयर दिए थे.
बच्चों के लिए संपत्ति की मांग करते हुए शर्मिला ने स्पष्ट किया कि उन्होंने परिवार की संपत्ति में कोई रुचि नहीं रखी, परंतु अपने बच्चों के लिए अपना हिस्सा चाहती हैं.