चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के दरवाजे 25 मई को भक्तों के लिए औपचारिक रूप से खोल दिए जाएंगे। हालांकि, तीर्थयात्रा का आरंभ आधिकारिक तौर पर बुधवार को गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब, लक्ष्मण झूला रोड, ऋषिकेश से किया गया। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सरदार गुरमीत सिंह जी ने पंज प्यारे (पांच प्यारे) के नेतृत्व में तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस विशेष अवसर पर, गुरुद्वारा परिसर और दरबार हॉल को फूलों और अन्य सजावट से सजाया गया, जिससे गुरुद्वारे की सुंदरता और भव्यता में वृद्धि हुई। श्रद्धालुओं का मन मोह लेने वाली इस सजावट ने पूरे आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए श्रद्धालु सुबह से ही गुरुद्वारा परिसर में एकत्र होने लगे थे। दोपहर करीब 12:25 बजे राज्यपाल गुरुद्वारा परिसर पहुंचे, जहां गुरुद्वारा ट्रस्ट और अन्य गणमान्य लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उपस्थित महत्वपूर्ण व्यक्तियों में हंस फाउंडेशन/हंस कल्चरल से माता मंगला जी और भोले जी महाराज, पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल (एमपी), परमार्थ निकेतन से चिदानंद जी महाराज, भरत मंदिर से महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा और दिनेश चंद्र शास्त्री शामिल थे।
दरबार हॉल में राज्यपाल और संतों को सिरोपा, प्रसाद और स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। पहले जत्थे के रवाना होने से पहले, राज्यपाल ने सभी आगंतुकों सहित पंज प्यारों का सम्मान किया। इसके बाद, पुष्पवर्षा, बैंड-बाजे की धुन और ‘जो बोले सो निहाल’ के जयकारों के साथ पंज प्यारे के नेतृत्व में पहले जत्थे को रवाना किया गया।
हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की इस शुभ तिथि पर श्रद्धालुओं के मन में अत्यधिक उत्साह और आस्था देखी गई, और वे इस पवित्र यात्रा पर जाने के लिए तत्पर हैं।