World Health Summit के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष बने डॉ. बलवीर सिंह तोमर, पहली बार किसी भारतीय का हुआ सेलेक्शन

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Dr BS Tomar

World Health Summit: भारत के एजुकेशनल और हेल्थ फील्ड के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में, निम्स विश्वविद्यालय, राजस्थान के संस्थापक प्रो. (डॉ.) बलवीर सिंह तोमर को वर्ल्ड हेल्थ समिट का अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

पहली बार किसी भारतीय का हुआ सेलेक्शन

यह नियुक्ति न केवल प्रो. तोमर के असाधारण नेतृत्व और योगदान को मान्यता देती है, बल्कि निम्स विश्वविद्यालय और पूरे देश के लिए गौरव का क्षण भी है.

यह पहली बार है जब कोई भारतीय वर्ल्ड हेल्थ समिट (World Health Summit) के वैश्विक सम्मेलन में अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा. साथ ही, यह भी पहली बार है जब कोई भारतीय संस्थान, भारत में 2025 में वर्ल्ड हेल्थ समिट की मेजबानी करेगा.

वर्ल्ड हेल्थ समिट की मेजबानी करेगा भारत

समिट के मुख्य संरक्षक जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और विश्व हेल्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस हैं.

वर्ल्ड हेल्थ समिट (World Health Summit) वैश्विक हेल्थ के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है. यह दुनिया भर से राजनीति, विज्ञान और निजी क्षेत्र के लोगों को एक साथ लाता है ताकि दुनियाभर में सभी के लिए बेहतर हेल्थ के साथ भविष्य का एजेंडा तय किया जा सके.

NIMS ने हासिल की वर्ल्ड हेल्थ ऐकडेमिक अलायन्स की सदस्यता

वर्ल्ड हेल्थ समिट, विश्व में वैश्विक हेल्थ को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में बढ़ावा देता है और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

अपनी दूरदर्शी सोच, चिकित्सा शिक्षा में बेहतरीन नेतृत्व और उम्दा प्रशासनिक अनुभव से, प्रो. तोमर, वर्ल्ड हेल्थ समिट संस्थान को सफलता की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं.

निम्स विश्वविद्यालय ने हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऐकडेमिक अलायन्स की सदस्यता हासिल की है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय हेल्थ विश्वविद्यालयों का एक समूह है जो हर साल जर्मनी में “वर्ल्ड हेल्थ समिट” आयोजित करता है.

भारत की मेजबानी पर क्या बोले डॉ तोमर

प्रो. तोमर ने 2025 में भारत में वर्ल्ड हेल्थ समिट की अंतर्राष्ट्रीय बैठक आयोजित करने के लिए भारत के सेलेक्शन पर खुशी जताई और वर्ल्ड हेल्थ समिट (World Health Summit) के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय न केवल अत्यंत गर्व का विषय है बल्कि एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है.

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डॉ. तोमर ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन पहली बार भारत में होगा और इसमें विश्वभर से लगभग 3000 से अधिक नीति निर्माता, राजनेता, नौकरशाह और सार्वजनिक हेल्थ से संबंधित वैज्ञानिक शामिल होंगे. डॉ. तोमर ने आगे बताया कि इस समिट के आयोजन से विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने में सहयोग मिलेगा.

मील का पत्थर साबित होगी ये समिट

प्रो. तोमर ने बताया कि इस समिट में “डिजिटल हेल्थ”, “हेल्थ विज्ञान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग”, “जलवायु और हेल्थ”, “ग्रहीय हेल्थ”, “हेल्थ और शांति” और “टीका कूटनीति” जैसे कई विषयों पर चर्चा होगी. यह समिट, जी 20 में किए गए हेल्थ और वैश्विक हेल्थ कूटनीति को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी.

वर्ल्ड हेल्थ समिट (World Health Summit) का आयोजन इस साल बर्लिन, जर्मनी में 13-15 अक्टूबर तक किया जा रहा है, जिसमें 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. इस समिट में 40 से अधिक देशों के हेल्थ मंत्री विश्व में भरोसे से कैसे हेल्थ सुविधाओं को बढ़ाया जा सके, इस पर चर्चा करेंगे.

भारतीय चिकित्सा जगत का सितारा

प्रो. (डॉ.) बी.एस. तोमर एक ऐसे नाम हैं जो भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में गूंजता है. एक विश्व प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ होने के साथ-साथ, वे निम्स विश्वविद्यालय और निम्स अस्पताल के संस्थापक भी हैं. बाल चिकित्सा और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें राजीव गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. डॉ. तोमर ने बच्चों में लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का इलाज खोजने में अहम भूमिका निभाई है, जिसके परिणामस्वरूप इस बीमारी का उन्मूलन लगभग हो ही गया है.

असाधारण योगदान और दूरदर्शिता

डॉ. तोमर की असाधारण कार्य नीति, गहरी अंतर्दृष्टि और असाधारण प्रतिभा उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अलग पहचान देते हैं. उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के संयोजन पर जोर दिया है. अपने करियर की शुरुआत राजस्थान के सवाई मान सिंह अस्पताल से करते हुए, उन्होंने परिवार कल्याण मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष विभाग के साथ मिलकर “आधुनिक चिकित्सा में भारतीय औषधीय प्रणालियों का एकीकरण” विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया.

नवाचार और वैश्विक पहुंच

डॉ. तोमर लगातार चिकित्सा क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देते रहते हैं. हाल ही में, निम्स विश्वविद्यालय में चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री ने एक नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंस्टिट्यूट और एक नए हेल्थ रिसर्च इनोवेशन इंस्टिट्यूट की नींव रखी है. ये संस्थान यूरोपियन इंडो पसिफ़िक हब फॉर डिजिटल पार्टनरशिप के रूप में विकसित किए जा रहे हैं.

विभिन्न भूमिकाएं और जिम्मेदारियां

डॉ. तोमर इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट, पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी के निदेशक हैं. इसके अलावा, वे सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, ट्रांसप्लांट और न्यूट्रिशन के अध्यक्ष और सीआईआई के हेल्थकेयर पैनल के अध्यक्ष के पद पर भी आसीन हैं.

प्रो. (डॉ.) बी.एस. तोमर एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने न केवल अपने देश बल्कि पूरी दुनिया में स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनकी दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक प्रेरणा का स्रोत बनाया है. उनके नेतृत्व में, निम्स विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है.

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