डॉ. स्वामीनाथन की रिपोर्ट बदल सकती थी किसानों की किस्मत! जानिए अभी तक क्यों लागू नहीं हो पाई ये रिपोर्ट?

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिवंगत कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया। डॉ. स्वामीनाथन ने ‘हरित क्रांति’ के जनक के रूप में भारतीय कृषि को नए आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. स्वामीनाथन ने गेहूं और चावल की अधिक उपज देने वाली किस्मों के विकास में अपने योगदान के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की हैं। उन्होंने खाद्य सुरक्षा की सुनिश्चित की और ‘भूख के ट्रैप’ से बाहर निकालने में अपनी उदार दृष्टि से देश को नेतृत्व प्रदान किया।

क्या थी स्वामीनाथन रिपोर्ट?

2004 में राष्ट्रीय किसान आयोग (NCF) के अध्यक्ष डॉ. स्वामीनाथन ने पांच रिपोर्टें पेश कीं, जिन्होंने भारत में कृषि क्षेत्र को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन रिपोर्टों को ‘स्वामीनाथन रिपोर्ट’ के नाम से जाना जाता है। इनमें खाद्य और न्यूट्रिशन सिक्योरिटी की रणनीति, किसानों की आय की सुरक्षा, और कृषि सिस्टम की स्थिरता को बढ़ाने के लिए कई सुझाव थे।

रिपोर्ट में दी गई मुख्य सिफारिशें क्या थीं?

  1. खाद्य और न्यूट्रिशन सिक्योरिटी के लिए रणनीति बनाई जाए।
  2. फार्मिंग सिस्टम की प्रोडक्टिविटी और स्थिरता में सुधार किया जाए।
  3. किसानों को मिलने वाले कर्ज का फ्लो बढ़ाने के लिए सुधार हो।
  4. शुष्क भूमि, पहाड़ी, और तटीय क्षेत्रों में किसानों के लिए फार्मिंग प्रोग्राम शुरू किया जाए।
  5. कृषि से जुड़े सामान की क्वालिटी और कोस्ट में सुधार।
  6. वैश्विक कीमतों की गिरावट पर किसानों को आयात से बचाने का प्रबंध किया जाए।
  7. स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाए जाएं।

C2+50% फार्मूला: उचित MSP की सुनिश्चिति

रिपोर्ट में उचित MSP की सुनिश्चिति के लिए C2+50% फार्मूला का सुझाव दिया गया, जिसका मतलब है कि किसानों को उनकी फसल की औसत लागत से कम से कम 50% अधिक मूल्य देना चाहिए। यह एक प्रोग्रेसिव नीति है जो किसानों को अधिक आय प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। लेकिन स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को राष्ट्रीय किसान नीति 2007 में शामिल नहीं किया गया था। मोदी सरकार ने तब से इसे लागू नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कृषि सुधारों की ओर बढ़ने का दावा किया है।

मोदी सरकार का दावा: MSP बढ़ाई गई है

मोदी सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने 2018-19 के लिए सभी खरीफ और रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है, जिसमें कम से कम 50% का रिटर्न मिलेगा। हालांकि, किसान संगठनें इसे सच्चाई से अभिवादन कर रही हैं और अपना विरोध जता रही हैं।

किसानों की आय बढ़ी है- पीएम मोदी

किसानों की आय में बढ़ोतरी का दावा करते हुए, मोदी सरकार ने 2015-16 से 2018-19 तक किसान परिवार की मासिक आय में वृद्धि का आंकड़ा प्रस्तुत किया है। हालांकि, किसान संगठनें इसे आँकड़ों में ताजगी की चुनौती दे रही हैं और उन्हें यह मान्यता नहीं दे रही हैं।

क्या है एमएसपी का फार्मूला?

सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का फार्मूला एक महत्वपूर्ण बिंदु है। इसमें CACP की सिफारिशों के आधार पर गन्ने के लिए उचित मूल्य तय किए जाते हैं और इसे राज्य सरकारों के साथ विचार करके लागू किया जाता है। साल 1966-67 से शुरू हुआ, एमएसपी ने किसानों को स्थिरता और न्यूनतम आय सुनिश्चित करने में मदद की है। इसे लागू करने का सही तरीका तय करना अब और भी महत्वपूर्ण हो गया है, ताकि किसानों को अधिक उत्पादन करने का साहस मिले और वे सुरक्षित महसूस करें।