चित्तौडगढ़ l शहर में बारिश के चलते ड्रेनेज सिस्टम फेल साबित हुए है. यह कहना है शहरवासियों का जिन्हें बारिश के कारण रास्ते अवरूद्ध होने से आने-जाने में परेशानी हो रही है. लोगों का कहना है कि पहली ही बारिश में ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गया है. उनका कहना है कि नगर परिषद और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते बड़े बरसाती नालों पर अतिक्रमण होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
लोगों ने प्रशासन पर लगाए लापरवाही के आरोप
आमजन का कहना है कि मौसम की पहली मूसलाधार बरसात ने पूरे शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी, जिसके कारण मुख्यालय के अधिकांश गली-मोहल्लों और बाजारों में पानी भर गया है. शहर में कहने मात्र को बड़े नालों है, जो कि अब अतिक्रमण के चलते छोटी नालियों में तब्दील हो चुके हैं. उनसे पानी विद्यालयों, दुकानों और घरों में घुस गया है.
वहीं रेलवे फाटक के पास स्थित अंडर ब्रिज में और बाईपास पर ओवर ब्रिज के नीचे पानी भर जाने से यातायात भी अवरुद्ध हो गया. इतना ही नहीं सड़कों पर पानी भर जाने के चलते कई दोपहिया और चार पहिया वाहन चालक काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं. वही जानकारी में सामने आया है कि नगर परिषद की ओर से बरसाती नालों की सफाई के लिए लाखों रुपए के टेंडर जारी किए जाते हैं, लेकिन इन बरसाती नालों की सफाई नाम मात्र की ही होती है.
वहीं शहर के कई बड़े नालों कुछ वर्षों पूर्व तक जिनकी चौड़ाई लगभग 10 फीट हुआ करती थी, अब वह घट कर 2 से 3 फीट चौड़ाई तक सिमट कर रह गए हैं और इन नालों को राजनीतिक संरक्षण के चलते उनको ढकवा कर अतिक्रमण कर लिया गया, जिनके ऊपर कई शिकायतें दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई.
कई जगहों पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे होने के कारण भी शहर में ड्रेनेज सिस्टम फेल हुआ है. जब इस तरह की प्राकृतिक आपदा आती है तो इसका खामियाजा सभी लोगों को भुगतना पड़ता है. इसको लेकर आमजन आक्रोषित नजर आए.