Earthquake: भूकंप के जितने झटके उतना ही सोना उगलती है जमीन, रिसर्च में हुआ खुलासा

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Earthquake: भूकंप को शुरू से ही विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के रूप में देखा गया है. भूकंप जब आता है तो अपने साथ तबाही का मंजर लेकर आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूकंप सोना बनाने में कितनी अहम भूमिका निभाता है?

भूकंप और सोने के निर्माण में अनोखा संबंध

सोना बहुत कीमती धातु है और इसे धरती के गर्भ से निकाला जाता है. वहीं सोना के निर्माण में भूकंप (Earthquake) खास रोल निभाता है. हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में इस बात का पता चला है कि भूकंप और सोने के निर्माण के बीच एक अनोखा संबंध है. यह संबंध पीजोइलेक्ट्रिक प्रभाव नामक एक वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है.

पीजोइलेक्ट्रिक प्रभाव क्या है?

पीजोइलेक्ट्रिक प्रभाव एक ऐसी घटना है कि जिसमें कुछ प्रकार के क्रिस्टल या खनिज पदार्थों पर दबाव डालने से उनमें विद्युत आवेश की उत्पत्ति होती है. जब भूकंप आता है तो धरती के अंदर की चट्टानें आपस में टकराने लगती है और फिर दबाव पैदा होता है. इस दबाव की वजह से कुछ खनिजों में विद्युत आवेश की उत्पत्ति होती है.

भूकंप से ऐसे होता है सोने का निर्माण

ऐसे में अब सवाल उठता है कि तो फिर सोने का निर्माण कैसे होता है? बता दें वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि भूकंप के दौरान उत्पन्न होने वाला यह विद्युत आवेश सोने के निर्माण करने में अहम भूमिका निभाता है. जब यह विद्युत आवेश सोने के कणों के साथ मिलता है तो यह उन्हें एक साथ जोड़ने का कार्य करता है.

क्वार्ट्ज शिराओं में बढ़ जाती है सोने के कणों की मात्रा

इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने पाया है कि क्वार्ट्ज शिराओं में सोने के कणों की मात्रा भूकंप के बाद बढ़ जाती है. इसका साफ मतलब है कि भूकंप के झटके क्वार्ट्ज शिराओं में मौजूद सोने के कणों को एक साथ जोड़ने का काम करते है और सोने के बड़े टुकड़े का निर्माण करते हैं. बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े सोने के भंडार उन इलाकों में पाए जाते हैं जहां भूकंप अधिक आते है.

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