जयपुर/राजस्थान: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक ओर जहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को पेश होने के लिए समन जारी किया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी की है। वैभव गहलोत को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम में कथित अनियमितताओं के मामले में पूछताछ के लिए 27 अक्टूबर को बुलाया गया है।
पेपर लीक मामले में डोटासरा के घर छापेमारी
बता दें कि पेपर लीक मामले में डोटासरा के यहां ईडी की छापेमारी चल रही है। खबर के मुताबिक, जयपुर के साथ-साथ ये छापेमारी सीकर में भी हुई है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी के समन पर वैभव गहलोत ने कहा कि, “समन की टाइमिंग पर सवाल हैं। ये 12 साल पुराना मामला है। मेरे पिता अशोक गहलोत को निशाना बनाया जा रहा है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने X पर पोस्ट कर लिखा…
ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “चुनाव आते ही ईडी, सीबीआई, आईटी आदि बीजेपी के असली ‘पन्ना प्रमुख’ बन जाते हैं। राजस्थान में अपनी निश्चित हार देख भारतीय जनता पार्टी ने अपनी आखिली चाल चली है!”
साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर कांग्रेस नेताओं पर ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है। हम एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।
अशोक गहलोत के बेटे के खिलाफ क्या है मामला?
बता दें कि मामला ईडी की जांच के दायरे में तब आया जब जयपुर के दो निवासियों ने 2015 में शिकायत दर्ज कराई कि वैभव गहलोत ने मॉरीशस स्थित ‘शिवनार होल्डिंग्स’ नाम की कंपनी से अवैध धन निकाला है। इस कंपनी पर शेल कंपनी होने का संदेह है।
क्या था शिकायत का आधार?
शिकायत के अनुसार, 2011 में होटल के 2,500 शेयर खरीदकर मॉरीशस स्थित फर्म से ट्राइटन होटल्स को फंड डायवर्ट किया गया था। उक्त शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर पर खरीदे गए थे, जबकि मूल शेयर की कीमत प्रत्येक शेयर के लिए केवल 100 रुपये थी। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि शिवनार होल्डिंग्स का गठन 2006 में किया गया था और इसका एकमात्र उद्देश्य काले धन को सफेद करना था।
ED को जांच में क्या मिला?
शिकायत में कहा गया है कि ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 15 मार्च 2007 को वैभव गहलोत के करीबी रतन कांत शर्मा ने पंजीकृत किया था। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने अपनी जांच में पाया कि ट्राइटन होटल्स ने फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड से भारी प्रीमियम पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त किया। जांच में आगे पता चला कि ट्राइटन समूह सीमा पार हवाला लेनदेन में शामिल रहा है।