नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ के संबंध में झारखंड और पश्चिम बंगाल में 17 स्थानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी कथित तौर पर उन एजेंटों की मदद से की गई जो भारतीय नागरिकता स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज मुहैया कराते हैं.
17 स्थानों पर ED की छापेमारी
मीडिया सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी रांची के बरियातू पुलिस थाने में 4 जून को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गई है, जिसमें एक महिला के निजी एजेंटों की मिलीभगत से बांग्लादेश की सीमा पार कर भारत में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया था. 4 जून को धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी. मीडिया सूत्रों के अनुसार FIR में कहा गया है कि बांग्लादेश की 21 वर्षीय महिला को 31 मई-1 जून की रात को दो महिलाओं द्वारा जंगली इलाके से अवैध रूप से सीमा पार करके कोलकाता लाया गया था.
सोशल मीडिया पर ED ने दी जानकारी
एजेंसी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ED ने रांची अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ के सिलसिले में झारखंड और पश्चिम बंगाल में PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 के तहत 17 स्थानों पर तलाशी ले रही है. जिसमें अब तक, फर्जी आधार, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्ति के दस्तावेज, नकदी, आभूषण, प्रिंटिंग पेपर, प्रिंटिंग मशीन और आधार बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खाली प्रोफार्मा सहित कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की गई हैं. आगे की तलाश जारी है. मीडिया सूत्रों के अनुसार मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान
ज्ञात हो कि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होने हैं, ऐसे में भाजपा ने अपने प्रचार अभियान का एक बड़ा हिस्सा अवैध घुसपैठ को उजागर करने पर केंद्रित किया है, जिसके बारे में उसका कहना है कि JMM के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के तहत यह बिना रोक-टोक चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में कई बार इस मुद्दे को उठाया है और संथाल परगना क्षेत्र में घुसपैठियों द्वारा कथित रूप से हड़पी गई जमीनों को वापस करने के लिए एक कानून बनाने का वादा किया है. भाजपा ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति में लिप्त होने का भी आरोप लगाया है.
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हालांकि, JMM के नेतृत्व वाली सरकार का कहना है कि सीमा क्षेत्र की सुरक्षा करना केंद्र का विशेषाधिकार है और यदि घुसपैठ हो रही है तो इसके लिए राज्य सरकार नहीं बल्कि गृह मंत्रालय जिम्मेदार है.