चुनाव आयोग के फैसले से शरद पवार की 63 साल की राजनीति को सबसे बड़ा झटका

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नई दिल्ली/डेस्क: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अब अजित पवार गुट की हो गई है. चुनाव आयोग ने मंगलवार को अजित पवार गुट को असली एनसीपी माना है. इसके साथ-साथ आयोग ने पार्टी और चुनाव चिह्न भी अजित पवार गुट को सौंप दिया है. महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विवाद मामले में अपना फैसला सुना दिया है.

चुनाव आयोग के फैसले को शरद पवार की उनकी 63 साल की राजनीति में सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है. चुनाव आयोग में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) किसकी है. इसको लेकर छह महीने से अधिक समय तक सुनवाई चली. चुनाव आयोग ने 10 सुनवाई के बाद एनसीपी विवाद को निपटारा किया. आयोग ने 141 पेज के अपने फैसले में कहा है कि उसने इस विवाद का हल करने के लिए तीन कसौटी पर जांच की गई. इसमें इसमें ‘पार्टी संविधान के लक्ष्य और उद्देश्यों का परीक्षण’, ‘पार्टी संविधान का परीक्षण’ और ‘बहुमत का परीक्षण’ शामिल रहे.

चुनाव आयोग ने कहा कि इस पूरे विवाद में यह तर्क नहीं दिया गया कि कोई (एक-दूसरे के बारे में) पक्ष पार्टी के संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का पालन करते हैं और दूसरा इसका उल्लंघन कर रहा है. ऐसे में ‘पार्टी संविधान के परीक्षण’ के मोर्चे पर चुनाव दोनों गुटों के बीच पार्टी संविधान पर कोई विवाद नहीं था, लेकिन वे इसका पालन नहीं कर रहे थे. इसके आधार पर कोई फैसला नहीं हो लिया जा सका.

लेखक: इमरान अंसारी

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