नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड (Maharashtra and Jharkhand) में आगामी विधानसभा चुनाव अर्थव्यवस्था के लिए संकट ला रहा है. यह संकट राजनीतिक दल द्वारा किए जा रहें महत्वाकांक्षी चुनावी वादे है.जो दोनों राज्यों में पहले से ही तंग वित्तीय स्थिति पर और ज़्यादा दबाव डाल सकते हैं.
Maharashtra- Jharkhand : दोनों राज्यों में महाराष्ट्र बेहतर
दोनों राज्यों में महाराष्ट्र ने अब तक तुलनात्मक रूप से बेहतर ऋण स्थिति बनाए रखी है, पिछले तीन वर्षों से महाराष्ट्र का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 3 प्रतिशत से कम है. हालांकि, प्रति व्यक्ति आय में इसकी वृद्धि अन्य बड़े राज्यों की तुलना में पिछड़ गई है. लेकिन झारखंड को अधिक महत्वपूर्ण राजकोषीय दबावों का सामना करना पड़ रहा है, पिछले तीन वर्षों में ऋण-से-GSDP अनुपात लगातार 30 प्रतिशत से ऊपर रहा है.
झारखंड में भारत में सबसे कम महिला बेरोजगारी दर है, जबकि संगठित विनिर्माण में यह सबसे अधिक मजदूरी प्रदान करता है. फिर भी, दोनों राज्यों के लिए प्रति व्यक्ति आय एक चुनौती बनी हुई है. हालाँकि महाराष्ट्र आर्थिक गतिविधि में देश में सबसे आगे है, लेकिन इसकी प्रति व्यक्ति आय वृद्धि सुस्त रही है, पिछले पाँच वर्षों में इसकी CAGR सिर्फ़ 2.99 प्रतिशत रही है, जो राष्ट्रीय औसत 3.11 प्रतिशत से पीछे है.
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था
महाराष्ट्र के 2023-24 में अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 7.6 प्रतिशत वृद्धि हुई है. यह 2018-19 के 20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये (स्थिर कीमतों पर) से अधिक हो गया. राज्य की अर्थव्यवस्था अभी भी बड़े पैमाने पर सेवाओं द्वारा संचालित है. जिसमें मुख्य रूप से रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाएं और आतिथ्य – जो इसके सकल मूल्य संवर्धन में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान करते हैं, इसके बाद विनिर्माण 30 प्रतिशत और कृषि 10 प्रतिशत योगदान देता है.अनुमानों के अनुसार महाराष्ट्र 2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाला पहला भारतीय राज्य बनने की संभावना है.
झारखंड में प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम
देश में सबसे कम महिला बेरोजगारी दर और सबसे अधिक विनिर्माण मजदूरी के साथ झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होने वाला है. खनिज समृद्धी के कारण इसके गैर-कर राजस्व का तीन-चौथाई से अधिक और कुल राजस्व का लगभग 14 प्रतिशत राजस्व यहां से आता है, झारखंड, हालांकि, उच्च ऋण-GSDP अनुपात की समस्या से जूझ रहा है, जो पिछले तीन वर्षों में 30 प्रतिशत से अधिक है.उच्च विनिर्माण मजदूरी राज्य में संगठित क्षेत्र में बेहतर रोजगार की स्थिति का संकेत देती है लेकिन अन्य क्षेत्र और आर्थिक संकेतक पीछे हैं. झारखंड में प्रति व्यक्ति आय बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर के साथ देश में सबसे कम है.
भारत की तुलना में Maharashtra-Jharkhand की वर्तमान स्थिति