Electoral Bonds Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार यानी आज 2 अगस्त को इलेक्टोरल बॉन्ड के द्वारा राजनीतिक पार्टियों को कॉरपोरेट कंपनियों से मिले राजनीतिक चंदे की ‘स्पेशल इंवेस्टिगेटिव टीम’ यानी SIT से जांच करवाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि अभी इस कथित घोटाले की जांच की आवश्यकता नहीं है। जिन मामलों में किसी को आशंका है, उनमें वह कानूनी रास्ता अपना सकते हैं। अगर समस्या का समाधान नहीं होता तो वह कोर्ट जा सकता हैं।
SIT से जांच करवाने की मांग वाली याचिका खारिज
दरअसल, एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ और ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ (सीपीआईएल) की याचिका में राजनीतिक चंदे के जरिए कथित घूस देने की बात कही गई थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इलेक्टरोल बॉन्ड (Electoral Bonds Hearing) से दिए गए चंदे में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। इस मामले की CBI या फिर कोई भी अन्य जांच एजेंसी जांच नहीं कर रही है। ऐसे में हमारी मांग हैं कि कोर्ट की निगरानी में SIT जांच करवाई जाए।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कानूनी विकल्पों के रहते सीधे SC में याचिका दाखिल करना सही नहीं है। राजनीतिक पार्टियों से चंदे की राशि ज़ब्त करने या इनकम टैक्स को दोबारा असेसमेंट के लिए कहना हमें आवश्यक नहीं लगता। SC के रिटायर्ड जज की निगरानी में SIT गठन की अभी कोई आवश्यकता नहीं है। यदि किसी मामलों में एजेंसी जांच नहीं करती है या जांच बंद कर देती है तो उसके खिलाफ शिकायतकर्ता हाई कोर्ट (High Court) जा सकता है।
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