Emergency 1975: 25 जून 2024 यानि आज आपातकाल के 50 साल पूरे हो गए। आज के दिन ही 25 जून 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। 18वीं लोकसभा की पहले सत्र से पहले पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा था कि, “25 जून जो लोग इस देश में संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित है, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हाँ, उनके लिए 25 जून कभी न भूलने वाला दिन है।”
“महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन”
वहीं, आज पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि, “आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। DarkDaysOfEmergency हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है।”
“कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को किया गया प्रताड़ित”
पीएम मोदी ने कहा, “सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया। कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया और परेशान किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं।”
“प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक किया पारित”
पीएम मोदी ने कहा, “आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने का कोई अधिकार नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 थोपा, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।”
“भारत की जनता ने उन्हें नकार दिया है”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया था, वह आज भी उसी पार्टी में मौजूद है जिसने आपातकाल लगाया था। वे संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को अपने दिखावे के माध्यम से छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकार दिया है।”
लेखक: रंजना कुमारी